मनी ट्रांसफर: जानें आरटीजीएस और एनईएफटी में अंतर

Mahila Bankनईदिल्ली (आरएनएस)। रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट यानी आरटीजीएस और नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर यानी एनईएफटी, दोनों ही ऑनलाइन पेमेंट का जरिया हैं जिसके तहत आप अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इन दोनों पेमेंट सिस्टम्स को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) मैनेज करता है। इनके जरिए सिर्फ देश के अंदर ही पैसे भेज सकते हैं।
क्या है अंतर?
आरटीजीएस में फंड ट्रांसफर तुरंत हो जाता है। यह बैंकों के बीच फंड ट्रांसफर करने का देश का सबसे तेज माध्यम है। नियम है कि जिस बैंक को पैसा भेजा गया है उसे प्राप्तकर्ता के अकाउंट में 30 मिनट के अंदर पैसे क्रेडिट करना होता है। वहीं, एनईएफटी के तहत पैसे तुरंत ट्रांसफर नहीं हो पाते। इस सिस्टम में घंटे के हिसाब से टाइम स्लॉट में काम होता है। इसमें आपको 2 से 3 घंटे और कभी-कभी उससे भी ज्यादा का वक्त लग सकता है।
क्या बैंक अकाउंट जरूरी है?
जिनका सेविंग्स या करंट अकाउंट है, वे एनईएफटी और आरटीजीएस सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन, जिनके बैंक अकाउंट नहीं हैं, वे भी एनईएफटी वाली शाखाओं में कैश डिपॉजिट कर सकते हैं। हालांकि, आप 50,000 रुपये से ज्यादा कैश जमा नहीं कर सकते।
कब से कब तक?
आप आरटीजीएस के तहत सुबह 8 बजे से शाम 4.30 बजे तक ही पैसे भेज सकते हैं। वह भी जिस दिन बैंक खुले हों। वहीं, एनईएफटी में सुबह 8 बजे से लेकर 7 बजे तक कुल 12 ट्रांसफर हो सकते हैं। हालांकि, कई बार अलग-अलग बैंक अलग-अलग वक्त का पालन करते हैं।
ऑनलाइन आरटीजीएस निश्चित समय पर ही कर सकते हैं। वहीं, ऑनलाइन एनईएफटी के तहत अगर पैसे समय रहते नहीं भेजे गए तो सामने वाला अगले वर्किंग डे को ही पैसा पा सकेगा।
कितने का ट्रांजैक्शन?
आरटीजीएस सिस्टम का इस्तेमाल बड़ी रकम भेजने के लिए होता है। इसमें कम-से-कम दो लाख और ज्यादा से ज्यादा 10 लाख रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं। वहीं, एनईएफटी में आप जितना पैसे चाहें, भेज सकते हैं।
ट्रांजैक्शन फेल हुआ तो?
आरटीजीएस के तहत पैसे भेजने के बाद अगर किसी वजह से पाने वाले के खाते में पैसे जमा नहीं हो पाते हैं तो वह आपके अकाउंट में खुद-ब-खुद जमा हो जाएंगे। वहीं, एनईएफटी ट्रांजैक्शन फेल हो जाए तो जिस बैंक में आपने भेजे उसे दो घंटे के अंदर आपके बैंक को पैसे वापस करने होते हैं।
चार्जेज क्या हैं?
प्रत्येक एनईएफटी ट्रांजैक्शन के लिए सर्विस टैक्स को छोड़कर 25 रुपये से ज्यादा चार्ज नहीं लिया जा सकता। वहीं, आरटीजीएस में अधिकतम शुल्क 55 रुपये है। आप बैंक की किसी शाखा से ट्रांसफर करने के मुकाबले ऑनलाइन ट्रांसफर करना फायदेमंद होता है।
क्या ट्रांजैक्शन रोक सकते हैं?
चूंकि आरटीजीएस में रियल टाइम ट्रांजैक्शन होता है, इसलिए अगर आपने ट्रांजैक्शन कर दिया तो उसे बाद में रोक सकते हैं। वहीं, एनईएफटी में भी ऐसा ही होता है।