लखनऊ। न्यूज पेपर हॉकर्स की हड़ताल जारी है। हड़ताल की वजह से राजधानी के लोगों को अख़बार पढऩे को नहीं मिले। हॉकर्स अख़बारों की बिक्री पर कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.हालांकि अख़बारों के प्रबंधन ने शहर के कई थानों के बाहर ख़ुद ही अख़बार बेचने का अस्थायी इंतज़ाम किया हुआ है. लेकिन इससे अख़बारों की बिक्री पर काफी बुरा असर पड़ा है। हालत यह है कि कई छोटे अखबारों ने तो अखबार छापना ही बंद कर दिया है क्योंकि उनका कहना है कि अखबार जब बंटना ही नहीं है तो मेहनत करने का फायदा क्या है। केवल फाइल कापी छाप रहे हैं।
लखनऊ में अख़बार बाँटने वाले सभी कर्मचारी लखनऊ हॉकर्स एसोसिएशन के बैनर तले एक सितंबर से हड़ताल पर हैं. हॉकर्स किसी भी जगह से कोई अख़बार नहीं उठा रहे हैं. इस वजह से लाखों अखबारों की डिलीवरी नहीं हो पा रही है। हॉकर्स एसोसिएशन की मांग है कि प्रति अखबार डेढ़ रुपए का कमीशन दिया जाए. लेकिन अख़बार मालिक इस मांग को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। लखनऊ हॉकर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रासबिहारी मुन्ना के अनुसार बड़े अख़बार के मालिक पिछले कई साल से अख़बार की क़ीमतें नहीं बढ़ा रहे थे. सालों पुरानी क़ीमत पर ही हमें कमीशन मिल रहा था. दूसरी ओर पिछले दिनों अख़बार के दाम कम करके कुछ अख़बार मालिकों ने ‘प्राइस वॉरÓ छेड़ दिया। रासबिहारी का कहना है कि दो दिन पहले अखबार प्रबंधकों ने वार्ता के लिए बुलाया था. लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकला. इस बीच समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने हॉकर्स एसोसिएशन को आश्वासन दिया है कि वो ख़ुद मध्यस्थता करके कोई हल निकलवाएंगे। हॉकर्स की हड़ताल से जहां एक ओर अखबार मालिकों को रोज़ भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर के लोग अखबार नहीं आने से परेशान हैं.हॉकर्स एसोसिएशन ने धमकी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्दी ही नहीं मांनी गईं तो पूरे प्रदेश में यह हड़ताल की जाएगी. इस बीच लखनऊ में अख़बारों के प्रबंधन के अनुरोध पर कई थानों और पुलिस चौकियों के आस-पास अख़बार बेचने की अस्थायी इजाजत दी गई है।