नाईक बोला: मैं देश का दुश्मन नहीं हूं

Zakir-Naik-

नई दिल्ली। विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक ने चेतावनी दी है कि उनके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर प्रतिबंध भारतीय मुसलमानों के खिलाफ अकथनीय अन्याय होगा। सरकार व देशवासियों को लिखे एक खुले पत्र में नाईक ने कहा है कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया, जिससे उन्हें देश के दुश्मन के रूप में पेश किया जाए और उनकी अनुपस्थिति के कारण ही आईआरएफ पर प्रतिबंध की मांग की जा रही है।

उन्होंने कहा है कि यदि आईआरएफ और मुझपर प्रतिबंध लगाया गया, तो यह आज की तारीख में देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा झटका होगा। नाईक ने कहा कि मैंने यह केवल अपने लिए नहीं कहा है, क्योंकि यह प्रतिबंध भारत के 20 करोड़ मुसलमानों के खिलाफ अकथनीय अन्याय के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल मेरे ऊपर नहीं है, बल्कि यह भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है। और यह शांति, लोकतंत्र व न्याय के खिलाफ हमला है।
नाईक पर आरोप है कि उनके उपदेश से भारत व अन्य देशों में कुछ युवा कट्टरपंथी बने। उन्होंने कहा कि उनके संगठन पर प्रतिबंध से देश की मुख्यधारा से कटा प्रत्येक तत्व देश में ऐसा करने को प्रोत्साहित होगा, इसलिए कृपया ऐसा मत कीजिए। खुद को मुसलमानों का सबसे बड़ा व सबसे लोकप्रिय शख्स बताते हुए नाईक ने कहा है कि अगर मुस्लिम समुदाय के इस शख्स को आप नीचा दिखाकर और उसे शैतान के रूप में पेश कर सकते हैं, तो बाकी सब आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसलिए मैं सोचता हूं कि जो भी हो रहा है वह एक साजिश है, और ईमानदारी से कहूं तो मुझे और कोई वजह नहीं दिख रही।