आनंदीबेन को मोदी ने किया दिल्ली तलब

anandiben patelअहमदाबाद (आइएएनएस)। सूरत में भाजपा के राजस्वी सम्मान समारोह में हंगामे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली तलब किया है। चर्चा है कि पाटीदारों को शांत करने के लिए आनंदीबेन को विशेष जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सम्मान समारोह में गुरुवार को पाटीदार युवकों ने जमकर हंगामा मचाया था। इसके चलते समारोह को आनन-फानन में समेटना पड़ा था। पाटीदारों के गढ़ सूरत में भाजपा की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के दो पूर्व साथियों महेश सवाणी और मुकेश पटेल ने ही इस समारोह का आयोजन किया था।
हंगामा करने वाले भले ही पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के समर्थन में नारे लगा रहे थे, लेकिन माना ये जा रहा है कि उनके संबंध भाजपा विधायक नलिन कोटडिया और पाटीदार आंदोलन की महिला नेता रेशमा पटेल से हैं। इसके अलावा समारोह में आनंदीबेन भी मंच पर ही मौजूद थीं। समारोह में हंगामे से नाराज भाजपा आलाकमान ने इसकी शिकायत सीधे प्रधानमंत्री मोदी से की। माना यही जा रहा है कि सभा में हुए हंगामे के सिलसिले में आनंदीबेन से ही जवाब मांगा जाएगा।
बता दें कि पिछले महीने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ही आनंदीबेन पटेल ने कहा था कि वह गुजरात में ही रहेंगी और सामाजिक रूप से सक्रिय रहकर काम करती रहेंगी। तभी से उनके समर्थक राज्य में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने की उम्मीद लगाए हुए थे। लेकिन, नेतृत्व परिवर्तन के बाद से जिस तरह आनंदीबेन के करीबियों (राजनीतिक और नौकरशाही दोनों में) को एक-एक कर किनारे लगाया जा रहा है उससे पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थक खफा हो गए।
दरअसल, मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में आनंदीबेन और अमित शाह दोनों ही उनके करीबी माने जाते थे। लेकिन, दोनों के आपसी रिश्ते उतने अच्छे नहीं रहे। मई 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो आनंदीबेन को गुजरात के मुख्यमंत्री पद का दायित्व मिला और अमित शाह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। हालांकि, इससे उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में कोई कमी नहीं आई और गुजरात में उनके समर्थकों में भी खींचतान चलती रही।