शहाबुद्दीन के बयान के बाद: लालू-नीतीश साइलेंट

shahabuddin-lalu-and-nitishपटना। सिवान के पूर्व सांसद व राजद नेता मो. शहाबुद्दीन भागलपुर जेल से जमानत पर रिहा हुए। जेल से बाहर निकलने पर अपने पहले राजनीतिक बयान में उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को अपना असली नेता बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परिस्थितियों का नेता करार दिया।उन्होंने कहा कि वे सुशील मोदी को गंभीरता से नहीं लेते। शहाबुद्दीन के इन बयानों के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है।
उधर, नीतीश से झारखंड में पत्रकारों ने इस संबंध में सवाल किए तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। इस विवाद पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी खामोश रहना ही बेहतर समझा है।
राजद के दूसरे सबसे बड़े कद्दावर नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने शहाबुद्दीन के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि जगजाहिर है कि लालू प्रसाद ही नेता हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी ताकत के नेता नहीं है। शहाबुद्दीन के बयान का जदयू ने प्रतिवाद किया है। जदयू के श्याम रजक ने कहा कि नीतीश परिस्थितिजन्य नेता नहीं, बिहार की आवश्यकता हैं। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने भी कहा कि अब यह तो लालू प्रसाद ही बता सकते हैं कि उन्होंने नीतीश कुमार को अपना नेता क्यों चुना।
शहाबुद्दीन के बयान पर अभी तक राजद की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, रघुवंश प्रसाद द्वारा नीतीश के खिलाफ दिए बयान से महागठबंधन में विवाद फिर सामने आ गया है। उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन के बयान से किनारा करते हुए डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है। उन्होंने शहाबुद्दीन के बयान की जानकारी से इंकार किया है। अब सबकी निगाहें लालू पर टिकी हैं कि वे क्या कहते हैं।