पाक को अमेरिका ने लगायी फटकार: शरीफ से नहीं मिले ओबामा

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नई दिल्ली। उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग करने में भारत को सफलता मिलने लगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जो देश छद्म युद्ध में लगे हैं, उन्हें इसे बंद करना होगा। उन्होंने इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने से भी इन्कार कर दिया था।
उधर, दक्षिण एशियाई देशों में भी पाकिस्तान को खोजने से भी दोस्त मिलना मुश्किल हो रहा है। अफगानिस्तान और भारत संयुक्त तौर पर नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाली सार्क शिखर बैठक का भी बायकाट करने जा रहे हैं। हमले के बाद पूरे क्षेत्र में जिस तरह तनाव बढ़ा है उससे बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान सब चिंतित हैं और इसके लिए पाकिस्तान को दोषी मान रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने आठवें और आखिरी संबोधन में मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने बढ़ते आतंकवाद पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने पाकिस्तान का सीधे-सीधे नाम तो नहीं लिया, लेकिन छद्म युद्ध का जिक्र करते हुए कड़े शब्दों में कहा कि देश इसे बंद करें। इससे विभिन्न क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से जारी छद्म युद्ध की बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत हमेशा उठाता रहा है। ओबामा ने अपनी आठ साल की उपलब्धियों में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों के खात्मे को भी गिनाया। हालांकि ओबामा ने माना कि धार्मिक कट्टरता से मध्य पूर्व अस्थिर हुआ है और यही कट्टरता अन्य स्थानों में फैल रही है।
इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उड़ी हमले को देखते हुए नवाज शरीफ से द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव ठुकराया दिया। इसके बाद न्यूयार्क में विदेश मंत्री जॉन केरी ने नवाज शरीफ से मुलाकात की। शरीफ ने भारत-पाक के द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने के लिए मदद मांगी लेकिन केरी ने दो टूक कहा कि वह पाकिस्तानी जमीन को आतंकियों की जन्नत न बनने दें। केरी ने पाकिस्तान से उन आतंकी संगठनों के खिलाफ भी प्रभावी तरीका अपनाने को कहा है जो उसके यहां शरण लेते हैं।
उड़ी हमले के बाद सार्क शिखर बैठक की बची-खुची संभावना भी खत्म हो चुकी है। इस हमले के बाद पूरे क्षेत्र में जिस तरह तनाव बढ़ा है उससे बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान सब चिंतित हैं। भारत, अफगानिस्तान और बांग्लादेश दक्षिण एशिया में जारी हिंसा के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर दोषी ठहरा रहे हैं। बांग्लादेश ने तो पिछले महीने सार्क गृह मंत्रियों की बैठक में भी अपने गृह मंत्री को नहीं भेजा था। अब भारत और अफगानिस्तान मिलकर सार्क शिखर बैठक में हिस्सा नहीं लेने का फैसला कर सकते हैं।