अखिलेश कैबिनेट में गायत्री, मनोज और शिवकांत की वापसी

cabinet-upलखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल के आठवें तथा संभवत: अंतिम विस्तार में ब्राह्मण कार्ड खेला है। अखिलेश के मंत्रिमंडल में दो बर्खास्त ब्राह्मण मंत्री प्रोफेसर शिवकांत ओझा के साथ मनोज कुमार पाण्डेय तथा गायत्री प्रसाद प्रजापति को शामिल किया गया। इसके साथ ही छह मंत्रियों का प्रमोशन किया गया है। मंत्रिमंडल में नये मंत्रियों की जगह बराबर रखने को आज लक्ष्मीकांत निषाद उर्फ पप्पू निषाद को बर्खास्त किया गया है। वह खाद्य रसद राज्य मंत्री थे
कैबिनेट मंत्री के रूप में बर्खास्त गायत्री प्रसाद प्रजापति ,शिवाकांत ओझा, मनोज कुमार पाण्डेय शपथ ने शपथ ली। इन तीनों की मंत्रिमंडल में वापसी हो गई है। जियाउद्दीन पहली बार मंत्री बनेंगे, जबकि हाजी रियाजुद्दीन अभिषेक मिश्र नरेंद्र वर्मा, शंखलाल मांझी व यासर शाह का प्रमोशन हो गया।
आठवें फेरबदल में चार नये मंत्रियों ने मंत्री शपथ ली, जबकि छह को प्रमोशन मिला। आज मनोनीत मंत्री जियाउद्दीन रिजवी ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इन सभी मंत्रियों को राज्यपाल राम नाईक दिन में एक बजे राजभवन में शपथ दिलाई।
बर्खास्त मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ बलिया के सिकंदरपुर से विधायक जियाउद्दीन रिजवी का कैबिनेट मंत्री बनना तय था। इनके साथ ही सातवें मंत्रिमंडल के विस्तार के दिन कैबिनेट से बर्खास्त मनोज कुमार पाण्डेय तथा छठे विस्तार से पहले बर्खास्त शिवकांत ओझा एक बार फिर सरकार में वापस हो गए।
इन सभी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही राज्य और स्वतंत्र प्रभार के तीन मंत्रियों का प्रमोशन होगा। इनमें पीलीभीत से विधायक हाजी रियाज तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खास अभिषेक मिश्रा को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। समाज कल्याण राज्य मंत्री नरेंद्र वर्मा के साथ यासिर शाह तथा शंखलाल मांझी को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रोन्नत किया था।
मंत्रिमंडल विस्तार में जहां सरकार से बर्खास्त गायत्री प्रसाद प्रजापति और पूर्व में मंत्री पद के लिए नामित होने के बावजूद शपथ न लेने वाले बलिया की सिकंदरपुर सीट के विधायक जियाउद्दीन रिजवी को मंत्री बनाया जाना तय था। आज मनोज कुमार पाण्डेय तथा शिवकांत ओझा का नाम एक बार फिर अखिलेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। अखिलेश मंत्रिमंडल में अभी कुल मंत्रियों की संख्या 57 है। इस हिसाब से अभी तीन और मंत्री बनाये जाने की गुंजाइश थी। चार को समायोजित करने के लिए एक मंत्री लक्ष्मीकांत निषाद उर्फ पप्पू निषाद को बर्खास्त किया गया। वह सातवें विस्तार में मंत्री बने थे।