बैंक अकाउंट में रखी रकम को निवेश करने में समझदारी

bank-2012नईदिल्ली (आरएनएस)। मोटी कमाई वाले कई लोग इन्वेस्टमेंट से जुड़े फैसले नहीं करते और अपने पैसे बैंक में रखना पसंद करते हैं। हकीकत यह है कि बड़ी रकम को बैंक अकाउंट में रखने से जो रिटर्न मिलता है, वह वक्त के साथ-साथ बढ़ती महंगाई का मुकाबला नहीं कर सकता। ऐसे में जरूरी है कि पैसे बैंक अकाउंट से निकालकर कहीं निवेश किए जाएं। अगर आपके रिटायर होने में अभी समय है तो आपके पास इन्वेस्टमेंट करने के लिए भी समय है। इन्वेस्टमेंट के लिए आप किसी प्रफेशनल अडवाइजर की सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा बहुत सी फाइनैंशल वेबसाइट्स पर भी इन्वेस्टमेंट से जुड़ी सलाह दी जाती है, लेकिन उस पर अमल करने से पहले आपको अपनी फाइनैंशल पोजीशन और अन्य कारणों पर ध्यान देना चाहिए। अपने निवेश के फैसलों को जटिल न बनाएं। आप भविष्य में घर खरीदने या बच्चों की हायर एजुकेशन जैसी जरूरतों को ध्यान में रखकर इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। तीसरा कदम एक ऐनुअल प्लान बनाने का हो सकता है जिसमें अधिकतम चार या पांच इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट शामिल होने चाहिए। अपने अडवाइजर, बैंकर, ब्रोकर के साथ सलाह कर या खुद रिसर्च कर आप इसे तैयार कर सकते हैं। अगर आप इक्विटी शेयर्स चुनते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आपने खुद रिसर्च की है और आप जानते हैं कि आप कहां इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। अगर आप म्यूचुअल फंड के जरिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फंड के पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को देखें। आपको चुने हुए प्रॉडक्ट्स में पूरे वर्ष के दौरान इन्वेस्टमेंट करना चाहिए। मार्केट में इन्वेस्टमेंट के सही समय का पता लगाने की कोशिश करना बेकार है क्योंकि इन्वेस्टमेंट के बड़े दिग्गजों को भी इसमें अधिक सफलता नहीं मिलती। तभी इन्वेस्टमेंट करें जब आपके पास इसके लिए रकम मौजूद हो और इन्वेस्टमेंट उन्हें प्रॉडक्ट्स में करें जिन्हें आपने सोच-विचार करने के बाद चुना है। ऐसा हो सकता है कि कुछ वर्षों बाद आपको पता चले कि आपने मार्केट के बॉटम पर होने के दौरान इन्वेस्टमेंट किया था जिससे आपको अच्छा रिटर्न मिला है और यह तभी हो सकेगा जब आप लगातार इन्वेस्टमेंट करेंगे। इन्वेस्टमेंट करने के लिए हर बार एक नया फैसला करना ठीक नहीं होगा। सभी तरह के नए प्रॉडक्ट्स से दूर रहें। अगर वे अच्छे होंगे तो आप ऐनुअल प्लान बनाते समय उन पर विचार कर सकते हैं। नए प्रॉडक्ट्स के साथ सेल्स टारगेट जुड़े होते हैं और इन टारगेट को पूरा करने के लिए ऐडवर्टाइजमेंट और अन्य तरीकों का सहारा लिया जाता है। किसी प्रॉडक्ट में तभी इन्वेस्ट करें जब उसका रिटर्न देने का पिछला रेकॉर्ड अच्छा हो। तो अपने बैंक खाते में रखी रकम से बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए आगे बढ़ें तभी आप इन्फ्लेशन का मुकाबला करने के साथ ही अपने भविष्य के लक्ष्यों को भी पूरा कर सकेंगे।