ऐशबाग रामलीला देखने 70 साल में पहली बार आ रहे हैं पीएम

narendra-modi5लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजयादशमी के पर्व पर मंगलवार को ऐशबाग की सुप्रसिद्ध रामलीला देखने आ रहे हैं। उनके समक्ष रावण वध का मंचन होगा। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किये गये हैं। आज रामलीला समिति के संयोजक, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूरे कार्यक्रम का ब्योरा दिया। तुलसीदास के संदर्भों के साथ रामलीला का इतिहास बताते हुए कहा कि यहां अखाड़ा और गुरु की परंपरा रही है, लेकिन आठ वर्षों से यह मंचीय हो गयी। मोदी को लेकर चर्चा थी कि वह रावण दहन भी करेंगे, लेकिन डॉ. शर्मा ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि लीला में रावण का वध रामजी करेंगे। मोदी जी तो बस रावण वध लीला का दृश्यावलोकन करेंगे। मोदी के आने से आमजन का उत्साह रामलीला के प्रति बढ़ा है, लेकिन सुरक्षा के नजरिए से प्रवेश के लिए पास की व्यवस्था की गयी है। रामलीला मैदान के द्वार साढ़े तीन बजे से खोल दिए जाएंगे। डॉ. शर्मा ने सुविधा के लिए लोगों से अपील की कि साढ़े तीन बजे से ही अपना स्थान ले लें। कृपाल द्वार से पास वाले ही अंदर जा सकेंगे जबकि गेट नंबर तीन पर सूची के मेहमानों को आमंत्रण पत्र के जरिये प्रवेश मिलेगा। लिमिटेड सीट होने की वजह से साढ़े तीन से चार बजे तक ही प्रवेश मिलेगा। गेट नंबर चार से बिना पास वालों को प्रवेश मिलेगा। मीडिया के प्रवेश के लिए सूचना विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश सरकार के मंत्री के मंच पर जाते ही रामजी की आरती और मंगलाचरण होगा। स्वागत के बाद गृह मंत्री और प्रधानमंत्री का उद्बोधन होगा। फिर लीला शुरू होगी। रामलीला समिति प्रधानमंत्री को तुलसीदास का असली और दुर्लभ चित्र, रामचरित मानस की प्रति, सुदर्शन चक्र, कवच, गदा और तीर-धनुष भेंट करेंगी। एलसीडी वैन से होगा लाइव प्रसारण : रामलीला समिति ने आमजन का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए एलसीडी वैन का प्रबंध किया है। शहर के महत्वपूर्ण हिस्सों में लोग वैन के जरिये कार्यक्रम देख सकेंगे। ऐशबाग की रामलीला का इतिहास बताते हुए डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि 1860 में इसकी समिति का पंजीकरण हुआ। 70 वर्षों तक मेरे पिता केदारनाथ शर्मा इस समिति से जुड़े रहे। वह हर वर्ष मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को रामलीला में आने के लिए आमंत्रण भेजते। उन्होंने मोदी की तारीफ की कि समिति का न्योता उन्होंने स्वीकार कर लिया। मोदी के दौरे पर विपक्षी दलों की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह आस्था से जुड़ा है। मुख्यमंत्री के आने के सवाल पर बोले कि यह राजनीतिक बात नहीं है। वह हमारे मुखिया हैं। उन्हें भी आमंत्रण गया है। प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करने कोई मंत्री आएंगे। पहले ही मारे गये मेघनाद और कुंभकर्ण : ऐशबाग की रामलीला में मेघनाद और कुंभकर्ण को भी रावण के पहले विजयादशमी पर ही मारे जाने का कार्यक्रम था, लेकिन प्रधानमंत्री की व्यस्तता को देखते हुए यह लीला सोमवार को ही संपन्न कर ली गयी।