मुख्य सचिव का निर्देश: वायु प्रदूषण नियंत्रण पर हो प्रभावी कार्यवाही

up govtलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने वरिष्ठ अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने हेतु नियमित रूप से प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर प्रभावी कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाकर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित कराया जाये कि शहरों के किसी भी स्थान पर एकत्रित कूड़ा जलाया न जाये। उन्होंने आम नागरिकों की सुविधा हेतु बेहतर यातायात सुलभ कराने हेतु यातायात को निरन्तर गति देने के निर्देश दिये, जिससे ट्रैफिक जाम से वायु प्रदूषण न हो। उन्होंने प्रदेश की जनता को बेहतर वायु वातावरण उपलब्ध कराने हेतु आगामी 02 दिन के लिये वायु प्रदूषण फैलाने वाले स्टोन क्रेशर आदि सहित मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में अर्थवर्क कार्य रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि तत्काल स्थिति से उबरने के लिये सड़कों की सफाई कराते हुये यह भी सुनिश्चित कराया जाये कि सड़कों से धूल न उठने देने के लिये आवश्यकतानुसार पानी का छिड़काव भी कराया जाये, ताकि वायु प्रदूषण को रोका जा सके। उन्होंने नगर निगम को निर्देश दिये कि नगरीय कूड़े को कतई न जलाया जाये तथा आवश्यकतानुसार जल छिड़काव सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश में वायु प्रदूषण को रोकने हेतु सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि वायु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण यंत्र लगवाकर नियमित रूप से चेकिंग अवश्य करायी जाये, ताकि वातावरण प्रदूषित न होने पाये। उन्होंने पॉलीथीन के उपयोग पर लगाये गये प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन कराने के निर्देश देते हुये कहा कि ऐसे लोगों के विरुद्ध अभियान चलाकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिये हैं कि वायु प्रदूषण को रोकने हेतु यह सुनिश्चित कराया जाये कि किसानों द्वारा अपने खेतों में कृषि अपशिष्ट को न जलाया जाये। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रेरित किया जाये कि वह कृषि अपशिष्ट का उपयोग खाद बनाने में अथवा अन्य उपयोग में करें।
प्रमुख सचिव परिवहन ने अवगत कराया कि वाहनों से उत्पन्न वायु प्रदूषण की चेकिंग एवं रोकथाम हेतु उत्तर प्रदेश में सचल जांच वैन की व्यवस्था की गयी है।
बैठक में उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी श्री एस0आर0सचान ने बताया कि प्रदेश में वायु प्रदूषण का प्रभाव दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की अपेक्षा बहुत कम है। उन्होंने बताया कि वायु की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त करने हेतु लखनऊ शहर के सात स्थानों पर मैनुअल स्टेशनों एवं एक स्थान पर उत्तर प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चलाये जा रहे स्वचालित वायु प्रदूषण अनुश्रवण केन्द्र के अलावा अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण अनुश्रवण उपकरण लगाये गये हैं, जिनके द्वारा नियमित वायु की गुणवत्ता का अनुश्रवण किया जाता है। उन्होंने बताया कि वायु गुणवत्ता की जानकारी हेतु कपूरथला, के0जी0एम0सी0, आई0आई0टी0आर0, बोर्ड मुख्यालय विभूति खण्ड, निशातगंज में डिस्पले बोर्ड लगे हैं।
श्री सचान ने बताया कि प्रदेश में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिये विभिन्न विभागों द्वारा आवश्यकतानुसार कार्यवाहियां समय से सुनिश्चित करायी जा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे स्वयं कूड़ा एकत्रित कर न जलायें और न ही अपने पड़ोसियों को कूड़ा जलाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि व्यापारी एवं आम नागरिक वायु प्रदूषण फैलाने वाले यंत्रों जैसे जनरेटर आदि का उपयोग कम से कम करें।
मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने बताया कि विगत दिनों में दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर विगत दिनांक 01 नवम्बर से 07 नवम्बर, 2016 तक प्रमुख स्थान-आनन्द विहार में धूल कण (पी0एम0) 2.5 का स्तर न्यूनतम 426 एवं अधिकतम 848, आई0टी0ओ0 में न्यूनतम 128 एवं अधिकतम 584, आर0के0पुरम में न्यूनतम 292 एवं अधिकतम 713 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जबकि लखनऊ में इस अवधि में पी0एम0 2.5 का स्तर न्यूनतम 137 एवं अधिकतम 374 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। उन्होंने बताया कि वायु की गति बढऩे से वायु प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है, इसलिये नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि तापमान गिरावट एवं वायु की गति कम होने के कारण वायु प्रदूषण का स्तर बढऩे के कारण ही यह समस्या उत्पन्न होती है।
मुख्य सचिव द्वारा उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जनहित में सुरक्षा सम्बन्धित व वायु प्रदूषण को रोकने हेतु एडवाईजरी तत्काल जारी करने के निर्देश दिये।