सरकार की नोटबंदी से कट रही बैंक कैशियर्स की जेब

new-curनई दिल्ली (आरएनएस)। सरकार की महत्वाकांक्षी डी-मॉनेटाइजेशन स्कीम में शामिल बैंक एंप्लॉयीज में सबसे अधिक प्रभावित वर्ग में से एक बैंकों के कैशियर्स हैं। कई बैंक ऑफिसर्स के मुताबिक कैशियर्स को अपने अकाउंट्स सेटल करते वक्त रोजाना आधार पर अपनी सैलरी में कम से कम 2,000 रुपये का नुकसान हो रहा है। सरकारी बैंक के एक कैशियर ने बताया, ‘यह बड़ा ऑपरेशन है। हम एक दिन में कम से कम 1.35 करोड़ रुपये की करेंसी एक्सचेंज कर रहे हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि डिपॉजिट से ज्यादा पैसे निकल जाते हैं।Ó इस अमाउंट को हमारी सैलरी से काट लिया जाता है।
एक दूसरे कैशियर ने बताया कि पिछले तीन दिनों में अकाउंट्स मेल न खाने के कारण वह 3,000 रुपये अपनी जेब से दे चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘यह पैसा मेरी खुद की जेब से जा रहा है।Ó सरकार ने बैंकों से कहा है कि करेंसी एक्सचेंज फैसिलिटी वन टाइम ऑप्शन है। एक दूसरे सरकारी बैंक में काम कर रहे कैशियर ने बताया कि सरकार को तत्काल आधार पर करेंसी एक्सचेंज फैसिलिटी को रोक देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘यह और कुछ नहीं, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग है। 4,500 रुपये तक के नए करेंसी नोट्स पाने के लिए पांच साल के बच्चे भी आधार कार्ड के साथ लाइन लगा रहे हैं।
उनमें से ज्यादातर इससे सहमत दिखे। केंद्र ने अब इलेक्शन में फर्जी वोटिंग को रोकने में इस्तेमाल आने वाली स्याही का उपयोग करेंसी एक्सचेंज करने की प्रक्रिया में करने का फैसला किया है।
जल्द न मिटने वाली यह स्याही 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट्स बदलने वाले व्यक्ति के दाएं हाथ की उंगली में लगाई जाएगी। इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने कहा कि ऐसा देखने में आया है कि एक ही व्यक्ति कई बार करेंसी बदलने के लिए आ रहे हैं, जिससे बैंकों में लंबी लाइनें लग रही हैं। इंक मार्किंग के साथ-साथ बैंकों में लगने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की दिशा में सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी बनाने का फैसला किया है, जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स और डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के ऑफिसर्स शामिल होंगे।
बैंकों और एटीएम के बाहर लगने वाली भीड़ को कम करने की कोशिश के तहत फाइनेंस मिनिस्ट्री ने रविवार को करेंसी एक्सचेंज फैसिलिटी और डेली कैश विदड्रॉल लिमिट में छूट की घोषणा की थी। इसके बाद बैंकों को वरिष्ठ नागरिकों और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए अलग लाइनें लगाने की सलाह दी गई।