नोटबंदी की आग में झुलस गयी संसद की कार्यवाही

Parliament_Houseनई दिल्ली (जेएनएन)। 16 नवंबर को शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र इस बार नोटबंदी की भेंट चढ़ चुका है। 500-1000 रुपये ने नोट बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्ष लगातार सड़क से लेकर संसद तक हंगामा करता रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा और फिर राज्य में सेना की तैनाती के मुद्दे पर भी संसद दो दिन ठप रही। सप्ताह के पहले दिन सोमवार को भी दोनों सदनों में हंगामा हुआ और दोनों सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
संसद के दोनों सदनों में पहले दिन से ही नोटबंदी को मुद्दा बनाकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष लगातार मांग करता आ रहा है कि नोटबंदी के फैसले को वापस ले, जबकि सरकार इस फैसले को देशहित में लिया गया बताकर पीछे हटने को तैयार नहीं है।
इस बीच पिछले गुरुवार और शुक्रवार को संसद में नोटबंदी पर हंगामा कम हुआ, बल्कि हंगामा ममता बनर्जी की सुरक्षा पर केंद्रित हो गया। शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में एकजुट विपक्ष ने पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती के साथ-साथ ममता की सुरक्षा का मुद्दा उठाया।
सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सैन्य अभ्यास होता रहा है। पश्चिम बंगाल पुलिस को भी पहले से जानकारी थी। लेकिन विपक्षी सांसद इस तथ्य को स्वीकार करने के मूड में नजर नहीं आए और हंगामा जारी रहा। निर्बाध हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
लोकसभा में सैन्य अभ्यास के मुद्दे पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि यह एक रुटीन एक्सरसाइज है। पिछले साल 19 और 21 नवंबर 2015 को पश्चिम बंगाल में सैन्य अभ्यास किया गया था। लेकिन इस बार विपक्ष राजनीति से प्रेरित होकर अनर्गल प्रलाप कर रहा है। नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये एक अनोखा मामला है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ठीक है, लिहाजा सेना तैनाती का सवाल ही नहीं उठता। जहां तक उन्हें जानकारी है, सेना टोल इक_ा नहीं करती है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि ये सेना से जुड़ा हुआ मामला है। लेकिन हमें महत्वपूर्ण मामलों से मुंह नहीं मोडऩा चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार को विश्वास में लिया गया था। सैन्य अभ्यास पिछले साल भी हुआ था। सेना को किसी तरह के विवाद में घसीटना सही नहीं है।