नोटबंदी पर सरकारी मरहम: कार्ड पेमेंट पर छूट का एलान

arun jetlyनई दिल्ली। नोटबंदी के बाद नकद लेनदेन कम करने की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने गुरुवार को डिजिटल माध्यमों से खरीददारी करने पर कई प्रकार की रियायतों की घोषणा की। इनमें पेट्रोल-डीजल खरीदने पर 0.75 प्रतिशत की छूट, ऑनलाइन रेल टिकट खरीदने पर 10 लाख रुपए का मुफ्त दुर्घटना बीमा दावा और राष्ट्रीय राजमार्गों पर ई-भुगतान करने पर 10 प्रतिशत की रियायत शामिल हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अर्थव्यवस्था में नकदी का प्रवाह कम किया जाएगा और डिजिटल माध्यमों से भुगतान को बढ़ावा देने के लिए रियायतें दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि बैंक में पैसा जमा करवा देने भर से काला धन सफेद नहीं हो जाएगा। डिजिटल माध्यम से पेट्रोल-डीजल खरीदने पर 0.75 प्रतिशत की छूट मिलेगी। उन्होंने बताया कि रोजाना करीब साढ़े चार करोड़ लोग डीजल-पेट्रोल की खरीद करते हैं। पेट्रोल पंपों पर डिजिटल माध्यम से भुगतान 20 प्रतिशत से बढ़कर नोटबंदी के बाद 40 प्रतिशत हो गया है। ऑनलाइन रेलवे टिकट खरीदने पर 10 लाख रुपए के मुफ्त बीमा दावा की सुविधा मिलेगी। उपनगरीय रेल सेवाओं के लिए डिजिटल माध्यम से यात्रा के लिए जो टिकट खरीदा जाएगा उस पर आधा प्रतिशत की छूट मिलेगी। रेलवे में अन्य सुविधाओं के लिए डिजिटल माध्यम से भुगतान करने पर पांच प्रतिशत की रियायत दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ई-भुगतान को बढ़ावा देने पर सरकार जोर देगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में ई-भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए स्वाइप मशीन और माइक्रो एटीएम की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। दस हजार तक की आबादी वाले गांवों में दो प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए प्राथमिक चरण में एक लाख गांवों का चयन किया जाएगा। नाबार्ड के जरिए ग्रामीण और सहकारी बैंकों में किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को किसान कार्ड भी दिया जाएगा।
सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के उपभोक्ता पोर्टल से बीमा पॉलिसी लेने और प्रीमियम भुगतान करने पर जनरल इंश्योरेंस पर 10 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी। जीवन बीमा पॉलिसियों पर आठ प्रतिशत की छूट मिलेगी। राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क के लिए कार्ड का इस्तेमाल कर ई-भुगतान करने वाले को 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। सरकार ने 9 नवंबर से एक हजार तथा 500 रुपए के पुराने नोट प्रतिबंधित कर दिए थे। इसके बाद बड़ी मात्रा में दो हजार, पांच सौ तथा अन्य मूल्यों के नए नोट जारी किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद अर्थव्यवस्था में नकदी की समस्या बनी हुई है।