भारत में लग्जरी कारों के आए सबसे बुरे दिन

Car-Sales-Indiaबिजनेस डेस्क। (आरएनएस)। 1994 में भारत में मर्सेडीज बेंज की आधिकारिक बिक्री शुरू होने के बाद अब पहली बार 2016 में लग्जरी कारों की बिक्री में भारी गिरावट आने का अनुमान है। मर्सेडीज बेंज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉलैंड फॉल्जर ने कहा है कि 2016 लग्जरी कार इंडस्ट्री के लिए सबसे मुश्किल भरा साल रहा है। उनका मानना है कि साल के आखिरी दिनों में होने वाली बिक्री से नुकसान की भरपाई की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
कारण
लग्जरी कारों के बुरे दिन की शुरुआत 2 लीटर इंजन वाली डीजल गाडिय़ों पर एनसीआर में प्रतिबंध के साथ शुरू हुई। उसके बाद बजट में 1 फीसदी अतिरिक्त टैक्स, 1 फीसदी इंफ्रास्ट्रक्चर सेस और अंत में नोटबंदी ने इस सेक्टर की कमर तोड़ दी। इस सबका असर यह हुआ कि लग्जरी कारों के दो बड़े निर्माता मर्सेडीज बेंज और ऑडी की 2016 में बिक्री में गिरावट आने की संभावना है। मार्केट में इन दोनों कंपनियों का अकेले 60 फीसदी हिस्सा है।
ऑडी को सबसे ज्यादा नुकसान
वॉल्यूम और मार्केट शेयर के हिसाब से सबसे ज्यादा नुकसान वॉक्सवैगन ग्रुप की ऑडी को हुआ है जिसे डीजन गाडिय़ों को वापस लेने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ऑडी की बिक्री में 20 फीसदी गिरावट यानी 8,500 गाडिय़ां कम बिकने का अनुमान है, जिसका फायदा बीएमडब्लूय, वॉल्वो और जेएलआर ने उठाया है।
अन्यों पर भी असर
अन्य अहम कंपनियों जैसे बीएमडब्ल्यू, जगुआर लैंड रोवर और वॉल्वो की ग्रोथ सामान्य रहने की उम्मीद है। कुल मिलाकर मार्केट में 2-3 फीसदी गिरावट का अनुमान है। 2015 में जहां 36,000 गाडिय़ां बिकी थीं, वहीं 2016 में 35,000 गाडिय़ों के बिकने का अनुमान है। मर्सेडीज बेंज ने 2015 में 30 फीसदी की जबर्दस्त ग्रोथ हासिल करने के बाद 2016 में 20 फीसदी ग्रोथ की भविष्यवाणी की थी।
बीएमडब्ल्यू इंडिया
2012 से नुकसान उठा रही बीएमडब्ल्यू इंडिया ने 2016 के शुरुआती नौ महीनों में तो 20 फीसदी ग्रोथ के साथ जबर्दस्त वापसी की लेकिन नोटबंदी के कारण इसकी ग्रोथ 10 फीसदी पर पहुंच गई।
वॉल्वो ऑटो इंडिया
वॉल्वो इंडिया को भी 2016 में 25 फीसदी ग्रोथ का अनुमान था लेकिन इसने अपने ग्रोथ टारगेट को कम कर दिया है। वॉल्वो ऑटो इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर टॉम वॉन बॉन्सड्रॉफ ने बताया, अपेक्षित ग्रोथ इस साल के संभव 10 फीसदी ग्रोथ से बहुत ज्यादा था।
नोटबंदी का समर्थन
बीएमडब्ल्यू इंडिया के कार्यवाहक अध्यक्ष फ्रैंक श्रेडर को नोटबंदी से उम्मीद है। उन्होंने कहा, अगले कुछ महीनों में उपभोक्ताओं के सेंटिमेंट्स को स्थिर होने और बिजनस को सामान्य रफ्तार पर आ जाने की उम्मीद है। लॉन्ग टर्म में देखा जाए तो नोटबंदी से भारत में बिजनस करना फायदे का सौदे रहेगा।
आने वाले साल से उम्मीद
हालांकि इस साल गाड़ी निर्माता कंपनियों को ग्रोथ में गिरावट का सामना करना पड़ा है लेकिन वे ग्रोथ को लेकर आशावादी हैं। मर्सेडीज बेंज को भारतीय मार्केट में मिड से लॉन्ग टर्म उछाल का पूरा भरोसा है और आने वाले साल में दो अंकों में ग्रोथ हासिल करने का लक्ष्य है। वॉल्वो का लक्ष्य 2020 तक इस सेक्टर में 10 फीसदी शेयर हासिल करने का लक्ष्य है और 20 फीसदी कंपाउंडेड ऐनुल ग्रोथ रेट की उम्मीद है।