संसद में हंगामे से आडवाणी दुखी: रिजाइन करने का मन

lk advaniनई दिल्ली। नोटबंदी पर संसद में जारी गतिरोध से लालकृष्ण आडवाणी काफी खफा हैं। नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं संसद से रिजाइन कर दूं। इस हालात में अटलजी भी नाराज होते। संसद में गतिरोध को लेकर उन्होंने सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाया। उधर, कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी, आडवाणी की चिंता से सहमत दिखे और इसके लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा, आडवाणी बीजेपी के अंदर लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ रहे हैं।
बता दें कि नोटबंदी पर हंगामे की वजह से लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चल सकी। स्थगन के बाद संसद में वैंकेया नायडू ने कहा, पूरा देश जानता है कि कौन संसद नहीं चलने दे रहा है। एक सीनियर लीडर के तौर पर आडवाणी जी संसद की मौजूदा स्थिति से बेहद दुखी हैं। आडवाणी पहले भी संसद में जारी गतिरोध पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
अटल जी भी नाराज होते इस रवैये पर गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए स्थगित हो गई। बार-बार कार्यवाही स्थगित होने से नाराज आडवाणी ने लोकसभा परिसर में कुछ सांसदों से बातचीत में नाखुशी जाहिर की। मीडिया से बातचीत में टीएमसी सांसद इद्रिस अली ने बताया, मुझसे बातचीत के दौरान आडवाणी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मैं रिजाइन दे दूं। आज अगर अटलजी भी संसद में होते तो वे इससे नाराज होते। इद्रीस के मुताबिक़ उन्होंने यह भी कहा, इसे हार-जीत के तौर पर न देखे सरकार-विपक्ष। चर्चा होनी चाहिए। किस नियम के तहत चर्चा हो यह जरूरी नहीं है।
आखिऱी दिन तो चला लीजिए संसद रिपोट्र्स के मुताबिक़ आडवाणी कुछ देर तक लोकसभा स्थगित होने के बाद सदन में ही बैठे रहे।इस दौरान उन्होंने राजनाथ सिंह से बात की। स्मृति इरानी भी वहां मौजूद थीं। इस दौरान आडवाणी ने राजनाथ से कहा, कम से कम आखिरी दिन संसद चलाने की कोशिश होनी चाहिए। स्पीकर को दोनों पक्षों के नेताओं को बुलाकर बात करनी चाहिए।
पहले भी नाराज हुए थे आडवाणी बता दें कि संसद में गतिरोध को लेकर आडवाणी पहले भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। आडवाणी ने पहले तो यहां तक कहा था कि हंगामे के लिए जिम्मेदार सांसदों की सैलरी काटी जानी चाहिए। पहले स्पीकर ने जब कार्यवाही स्थगित की थी तो आडवाणी ने एक लोकसभा ऑफिशियल को बुलाकर कहा था- सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित क्यों नहीं कर देते?