चुनाव आयोग की मांग: गुप्त राशि का स्रोत बतायें पार्टियां

election comiनई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे के स्त्रोत बताने के लिए सरकार से कानून में संसोधन की मांग की है। आयोग का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों को गुप्त चंदे के तौर पर मिलने वाली 2,000 से ज्यादा की राशि का स्त्रोत बताया जाना चाहिए और इसपर रोक भी लगनी चाहिए। आयोग ने सरकार को भेजे सुझाव में यह बात कही है। बता दें कि राजनीतिक पार्टियां गोपनीय चंदे का स्त्रोत उजागर नहीं करती हैं। ऐसे में चुनाव आयोग को यह पता नहीं चल पाता है कि किस पार्टी को चुनाव खर्च के रूप में कितनी राशि मिली।
दरअसल चुनाव आयोग इलेक्शन में ब्लैक मनी के इस्तेमाल को रोकने के लिए कानून में संसोधन करना चाहता है। इसके लिए सरकार से सिफारिश की गई है। भारत में राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदा सूचना के अधिकार कानून के तहत नहीं आता है। राजनीतिक पार्टियां अभी तक सिर्फ 20 हजार से ज्यादा के चंदे का स्त्रोत बताती हैं। ऐसे में चुनाव आयोग चाहता है कि 2 हजार से ज्यादा मिलने वाले चंदे का भी स्त्रोत बताया जाए। बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के सेक्शन 29 सी के तहत पार्टियों के लिए 20 हजार रुपये से ज्यादा के चंदों का स्रोत बताना जरूरी है।
बता दें कि आयकर कानून के तहत राजनीतिक दलों को आयकर छूट मिली हुई है। ऐसे में पार्टियों को मिलने वाला चंदा टैक्स अंदर नहीं आता है। पार्टियां चुनाव खर्च के तौर पर मिलने वाले चंदे का टैक्स भी नहीं देती हैं।