यासीन भटकल को सजा-ए-मौत

yaseenहैदराबाद। तेलंगाना की एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के वरिष्ठ कमांडर अहमद सिद्दीबप्पा जरार उर्फ यासीन भटकल और चार अन्य आरोपियों को 2013 में दिलसुखनगर में हुए दोहरे बम धमाकों के मामले में दोषी करार देते हुए सोमवार को मौत की सजा सुनाई। एक स्थानीय अदालत ने 2013 में दिलसुखनगर में हुए दोहरे बम धमाकों की साजिश रचने और धमाकों को अंजाम देने के दोषी यासीन भटकल, असदुल्लाह अख्तर, तहसीन अख्तर, रियाज भटकल और जिया उर रहमान उर्फ वकास को मौत की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि 21 फरवरी, 2013 को हैदराबाद के दिलसुखनगर बाजार में हुए दोहरे बम धमाके में 18 लोगों की मौत हो गई थी और एक गर्भवती महिला समेत 131 लोग घायल हो गए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले में प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के पांच सदस्यों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी। मामले की सुनवाई करते हुए पांचों आरोपियों को अदालत ने पिछले सप्ताह दोषी करार दिया था।
गौरतलब है कि अगस्त 2013 में एनआईए ने भारत-नेपाल सीमा से यासीन भटकल और असदुल्लाह अख्तर को गिरफ्तार किया था जिसके बाद दिलसुखनगर में हुए दोहरे बम धमाके की गुत्थी सुलझी थी। जांच में पता चला कि असदुल्लाह अख्तर और अन्य आरोपी तहसीन अख्तर ने दोनों बम लगाए थे। एनआईए की ओर से दायर आरोप पत्र के अनुसार आरोपी को पाकिस्तान में बैठे अन्य आरोपी रियाज भटकल से दिशा-निर्देश प्राप्त होते रहें। रियाज और यासीन भटकल दोनों वीडियो बातचीत के जरिए बम लगाने वाले आरोपियों को दिशा निर्देश दे रहे थे।
जिया उर रहमान उर्फ वकास नामक पांचवा आरोपी पाकिस्तान का नागरिक है। ट्रैफिक निगरानी और एक निजी दुकान में लगे कैमरे की वीडियो फुटेज में बम धमाके करने वाले तहसीन अख्तर की पहचान की गई। वीडियो फुटेज में तहसीन अख्तर एक साइकिल पर टिफिन बॉक्स लेकर आता हुआ दिख रहा है। जांच के दौरान यह वीडियो महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ। गौरतलब है कि इंडियन मुजाहिदीन को 2010 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह पहली बार है जब आईएम के सदस्यों को किसी मामले में दोषी करार दिया गया हो। एनआईए ने अपने आरोप पत्र में आईएम पर देश के खिलाफ युद्ध छेडऩे का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है।