साइकिल पर सस्पेंस: आयोग का फैसला रिजर्व

samajwadi-partyलखनऊ। चुनाव चिन्ह साइकल पर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है। चुनाव आयोग ने चार घंटे तक दोनों ही पक्षों का बात सुनने के बाद फैसला रिजर्व रखा है। अखिलेश खेमें की ओर से पक्ष रखने के लिए शामिल वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जो भी फैसला चुनाव आयोग करेगा, वह उनको मंजूर होगा। बता दें कि आज 11 बजे से चुनाव आयोग दफ्तर में सुनवाई शुरू हुई।
समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के तरफ से रामगोपाल यादव चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग पहुंचे थे। मुलायम, शिवपाल यादव के साथ चुनाव आयोग दफ्तर पहुंचे। वहीं, अखिलेश खेमे के रामगोपाल यादव, किरनमय नंद और नरेश अग्रवाल भी ईसी पहुंचे।
इस बीच वरिष्ठ समाजवादी नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा, यूपी की जनता चाहती है कि अखिलेश दोबारा सीएम बनें। बता दें कि समाजवादी पार्टी के दोनों गुट ने खुद को असली समाजवादी पार्टी बताते हुए साइकल सिंबल पर अपना दावा ठोंका है। अखिलेश कैंप दोपहर 12 बजे के करीब चुनाव आयोग पहुंच गया। सूत्रों के मुताबिक, पहले नरम दिखा रहा मुलायम खेमा अब साइकल चिह्न पर अपना दावा छोडऩे को तैयार नहीं है।
श्वष्ट के पास क्या है ऑप्शनचुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है। कम वक्त होने के कारण चुनाव चिह्न पर जल्द फैसला करना चुनाव आयोग की मजबूरी है। दोनों गुटों द्वारा अपने दावे पेश करने के बाद हो सकता है कि चुनाव आयोग कोई फैसला दे दे। लेकिन चुनाव आयोग के द्वारा आज ही फैसला दिया जाय, इस पर संदेह है।
ऐसा भी संभव है कि दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित हो जिस पर वह अभी चुनाव लड़ेंगे। चुनाव आयोग के सामने तीसरा विकल्प तब होगा अगर कोई गुट अपना दावा वापस ले लेता है। इस स्थिति में विवाद खत्म हो जाएगा और आयोग कुछ नहीं करेगा। अगर साइकल सिंबल पर दावा छोड़कर कोई गुट अपनी पार्टी बनाता है तब भी आयोग के लिए फैसला करना आसान होगा।