यूपी में नहीं होगा महागठबंधन: रालोद एकला चलो रे

rld and sp and congressलखनऊ। उत्तर प्रदेश में महागठबंधन पर सस्पेंस बरकरार है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और रालोद के बीच महागठबंधन को लेकर कई मुद्दों पर पेंच फंसता गया है। अभी तक पारिवारिक घमासान में उलझी सपा को अब गठबंधन को गांठने में पसीने आ रहे हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन पर सहमति तो है लेकिन सीटों के बंटवारे पर मंथन चला। इस बीच रालोद मुखिया अजित सिंह ने अकेले उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लडऩे का एलान कर दिया है। देर शाम तक रालोद प्रत्याशियों की पहली सूची भी जारी कर सकती है।
समाजवादी पार्टी के नेता किरनमय नंदा ने कहा कि समाजवादी पार्टी अकेले 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हमारी पार्टी किसी क्षेत्रीय दल से संपर्क नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2017 के साथ 2019 है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 100 से कम सीटों पर राजी नहीं है जबकि अखिलेश 85 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है, वहीं रालोद को भी 35 सीटें चाहिए थीं। मुख्यमंत्री कांग्रेस को सशर्त 100 सीटें देने को तैयार हैं, वह चाहते हैं कि कांग्रेस अपने कोटे से ही रालोद को सीटें दें। गठबंधन में चुनाव लडऩे के लिए कांग्रेस अपने लिए जिन 100 सीटों की मांग कर रही है, उनमें वे सीटें हैं जहां से पहले या तो कांग्रेस के विधायक जीते थे या फिर वे दूसरे और तीसरे नम्बर पर रह गए थे। इसके अलावा कांग्रेस अमेठी-रायबरेली की सभी सीटें चाहती है जबकि रामपुर क्षेत्र की सीटों को लेकर भी पेच फंसा है।
रालोद अपने लिए कम से कम 35 सीटें चाहती हैं। इनमें वे तीन सीटें भी हैं, जहां वर्तमान में सपा का मौजूदा विधायक है। इसके लिए सपा कतई तैयार नहीं है। ये सीटें हैं- सिवालखास (मेरठ), सादाबाद (हाथरस) और बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर)।
गठबंधन के लिए कांग्रेस पार्टी ने भी समाजवादी पार्टी के कब्जे वाली 10 सीटों की मांग रखी है। इन सीटों में अमेठी-रायबरेली के अलावा लखनऊ कैंट की सीट है। बता दें कि लखनऊ कैंट से अपर्णा यादव सपा की प्रत्याशी हैं।