कुपित मुलायम समर्थकों से बोले: गठबंधन के खिलाफ लड़ो

Mulayam 11 octलखनऊ। समाजावादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुई गठबंधन से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव नाराज हैं। यूपी के पूर्व सीएम मुलायम ने रविवार को साफ कर दिया था कि वो सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। वहीं सोमवार को दिल्ली में मुलायम सिंह ने पार्टी वर्कर्स से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने सपा-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ एक और बडा बयान दिया है। मुलायम ने समर्थकों से निर्दलीय या लोकदल के टिकट से उन 105 सीटों पर लडऩे की अपील की है जहां कांग्रेस उम्मीदवार खड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने अपने समर्थकों के लिए प्रचार भी कर सकते हैं। मुलायम ने अपने समर्थकों से यहां तक कहा है कि अखिलेश चाहें तो उन्हें पार्टी से निकाल सकते हैं।
मुलायम के इस एलान के बाद समाजवादी परिवार झगड़ा एक बार फिर सबके सामने आ गया है। अखिलेश यादव ने जब पार्टी का घोषणापत्र जारी किया था तब भी मुलायम सिंह यादव उस कार्यक्रम में नहीं गए थे। उन्?होंने कार्यकर्ताओं से कि मैं कांग्रेस-सपा अलायंस के लिए कैम्?पेन नहीं करूंगा। सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि मैंने पूरी जिंदगी कांग्रेस के खिलाफ सपा को खड़ा करने में लगा दी। मैं अब भी इस अलायंस के खिलाफ अखिलेश को मनाने की कोशिश कर रहा हूं। ये अलायंस पार्टी को खत्?म कर देगा। मुलायम ने कहा कि मैं पार्टी को खत्?म नहीं होने दूंगा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की साझा प्रेस कांफ्रेंस के बाद संयुक्त रोड शो निकालने से भी मुलायम सिंह नाखुश दिखे। गठबंधन को लेकर तल्ख मुलायम ने कहा कि अखिलेश ने हमारी इच्छा के खिलाफ समझौता किया है। मैं शुरू से ही कांग्रेस से समझौते के पक्ष में नहीं था। इसके अलावा मुलायम ने टिकट बंटवारे पर भी सीएम अखिलेश को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमारे जिन लोगों के टिकट कटे हैं, वे अब क्या करेंगे। हमने पांच साल के लिए तो मौका गंवा दिया है। हमारे नेता और कार्यकर्ता चुनाव लडऩे से वंचित रह गए हैं। दरअसल जानकारों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव की चिंता मुस्लिम वोटों के सपा से बनती दूरी है। 90 के दशक में मुलायम की अगुवाई में सपा ने कांग्रेस से मुस्लिम वोट बैंक छीने थे। यही कारण था कि मुलायम ने कभी भी कांग्रेस से उत्तर प्रदेश में सीधा गठबंधन नहीं किया था।