क्या उप्र में हिंयुवा के कार्यकर्ता भारी पड़ रहें है भाजपा पर

उप्र भाजपा की कार्यसमिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह

नयी दिल्ली । उप्र में भाजपा की सरकार बने दो महीने भी नही हुए कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मुद्दा सतह पर आ गया है। राष्ट्रीय नेतृत्व भी इस पर चिंता कर रहा है। लखनऊ में हुई दो दिन की कार्यसमिति में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के माहौल को रोकन और सामंजस्य बैठने की कोशिश साफ नजर आयी। उपेक्षा का मसला उप्र के मुख्यमंत्री के सामने भी यह मुद्दा उठा है। भाजपा कार्यकर्ताओं को लग रहा है कि हिन्दू युवा वाहिनी नामक गैर भाजपायी संगठन के कार्यकर्ताओं को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तो साफ कह दिया-सरकार बनने के बाद कुछ लोग हमारे कार्यकर्ताओं को साइड लाइन करने की कोशिश कर रहें है, हमारे कार्यकर्ताओं को छोड़ कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहें है, पर मै ऐसा करने नही दूंगा। कार्यकर्ताओं के सम्मान की रक्षा होगी, कार्यकर्ताओं की पीठ में छूरा घोंपने वालों को बख्शेगें नही।
कार्यसमिति में कार्यकर्ताओं की सरकार की ओर से उपेक्षा करने का आरोप ईशारों में लगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लंबे भाषण से कार्यसमिति में जोश नही भर सका। तालियां बजाने तक से परहेज किया। आखिर कुछ तो ऐसा है जो भाजपा के अंदर परेशानी पैदा कर रहा है। हालांकि योगी ने अपने भाषण में कहा कि हम आपकी भावनाओं को आहत नही होने देगें। लेकिन आपको विपक्ष की मानसिकता बदलनी होगी। कानून हाथ में लेने के लिए हम दूसरों को कह रहें है तो खुद भी कानून हाथ में न लें, कोई दिक्क्त है तो सरकार इसका समाधान करेगी। जानकारों का कहना है कि छोटे-छोटे ठेके भी ई टेंडरिंग से देने के भी कार्यकर्ता खिलाफ है।
कार्यसमिति के समापन भाषण में अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्ताओं के महत्व का बखान किया। उन्होने कहा कि 2014 में मोदी लहर की सुनामी में लोकसभा में 73 सीटें बीजेपी को मिलीं थीं। जीत के बाद एक भी दिन बीजेपी का कार्यकर्ता कुर्सी पर पैर पसारकर नहीं बैठता है। सिर्फ परिश्रम करते रहते हैं। जिन्होंने इस पार्टी की नींव डालने के लएि जीवन लगा दिया उन्हीं के तपोबल के आधार पर आज हम यहां हैं। जब हमें सफलता मिली है तो भी भाजपा कार्यकर्ताओं को विश्राम का अधिकार नहीं है। क्योंकि हम सरकार बनाने के लएि राजनीति नहीं करते। 10 लोगों से शुरू होने वाली पार्टी में 11 हजार कार्यकर्ता हैं।
शाह ने कहा, अभी भी जिस बूथ से विजय नहीं मिली है उसे छोड़ें नहीं बल्कि मजबूत करें। कई बार विजय से कर्तव्यबोध का भाव आता है और कभी आलस्य भी आता है। हमारे कार्यकर्ताओं को विजय के साथ विनम्र बनना होगा और जवाबदेही भी होगी। हम सपा, बसपा के कार्यकर्ता नहीं है। सत्ता दबदबा बनाने के लिए नहीं होती। अमित शाह ने कहा, 16 हजार कार्यकर्ता पार्टी को समय दे रहे हैं और अगर हर कार्यकर्ता पार्टी की डिजाइन के हिसाब से काम करे तो यूपी में बीजेपी को कभी कोई नहीं हरा पाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, यूपी में जीत से संतोष करने का अधिकार नहीं है। हमें हर बूथ को मजबूत करना है। सरकार आने के बाद ही काम का विस्तार होता है। काम हर जगह पहुंचना चाहिए।
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