जेडीयू का अल्टीमेटम: लालू करें कार्रवाई

पटना। बिहार में जारी सियासी खींचतान के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर गेंद लालू के पाले में डाल दी. मीटिंग में नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जेडीयू ने लालू प्रसाद को तेजस्वी यादव पर कार्रवाई करने के लिए चार दिन का अल्टीमेटम दिया है। नीतीश कुमार के इस फैसले से ये बात साफ हो गई है कि तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को उन्होंने गंभीरता से लिया है. यानी साफ है कि वो किसी कीमत पर तेजस्वी को डिप्टी सीएम के रूप में नहीं देखना चाहते. जेडीयू नेताओं के साथ मीटिंग के बाद नीतीश ने लालू प्रसाद यादव को साफ संकेत दे दिए कि वो तेजस्वी का इस्तीफा खुद ही ले लें। एक तरफ नीतीश चाह रहे हैं कि लालू यादव खुद अपने बेटे को डिप्टी सीएम पद से हटाएं. वहीं दूसरी तरफ, सोमवार को लालू प्रसाद यादव के घर आरजेडी की जो बैठक हुई, उसके बाद पार्टी ने साफ कर दिया था कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता। तेजस्वी यादव पर उनकी अपनी पार्टी आरजेडी और गठबंधन पार्टी जेडीयू के स्टैंड को देखा जाए तो दोनों के बीच तलवार खिंची नजर आती है. हालांकि, ये बात भी सामने आई थी कि सोमवार को आरजेडी की मीटिंग से पहले नीतीश कुमार ने लालू यादव से फोन पर बातचीत की थी. बताया जा रहा था कि दोनों के बीच महागठबंधन को बचाने और बिहार के सियासी भूचाल को रोकने पर मंत्रणा हुई थी. मगर दो दिनों में दोनों पार्टियों की मीटिंग से जो रुख सामने आया है, उससे तो यही जाहिर होता है कि बिहार की राजनीति में कोई बड़ा तूफान आने वाला है. दरअसल, रविवार को नीतीश-लालू की बातचीत और जेडीयू के सख्त रवैये के बाद ये माना जा रहा था कि सोमवार को लालू यादव तेजस्वीर के खिलाफ कड़ा फैसला लेकर विपक्ष को खामोश करने का दांव खेल सकते हैं. खबर ये भी थी कि तेजस्वी की जगह लालू के दूसरे बेटे तेजप्रताप यादव को ये जिम्मेदारी जी सकती है. मगर आरजेडी की मीटिंग में ऐसा कुछ नहीं हुआ. बल्कि पार्टी नेताओं ने मजबूती से तेजस्वी यादव के बने रहने का दावा किया।