नेपाल में बज रहा ईसाईयत का डंका

विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। विश्व में कभी अकेले हिंदू राष्टï्र होने का गौरव नेपाल ने हासिल किया था मगर अब वह हिंदू राष्टï्र नहीं है। नेपाल में जिस प्रकार से ईसाई धर्मान्तरण का प्रभाव बढ़ता जा रहा है उससे लगने लगा है कि नेपाल में आने वाले कुछ समय में केवल ईसाई ही नजर आयेंगे। भारत के लिए यह चिंता का कारण इसलिए है कि देश के सबसे बड़े सूबे यूपी की सीमा नेपाल को छूती है और इस देश के नागरिकों का भारत में आनाजाना बेरोकटोक जारी है। ऐसे में नेपाल में ईसाई धर्म अपना चुके तमाम नेपाली भारत में इसका प्रचार प्रसार करने में लगे हैं और यहां बसे नेपालियों के साथ ही यूपी के लोगों को भी ईसाई धर्म की दीक्षा दिलवान में लगे हैं। मालूम हो कि समय समय पर हिंदू युवा वाहिनी के लोग ईसाई धर्म के प्रचार में लगे लोगों से लड़ते दिख जाते हैं मगर यह पर्याप्त नहीं है। खासकर भारत के लिए यह चिंतनीय है। नेपाल में किस कदर ईसाई धर्मान्तरण चल रहा है इसका खुलासा रोशन थापा नाम के एक लडक़े ने किया। उसने बताया कि उसके परिवार में सभी लोगों ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है। लुम्बिनी में रहने वाले सालिक राम ने बताया कि कपिलवस्तु में भी आजकल बाहर से ईसाई धर्म के प्रचारकों का आना जाना काफी बढ़ गया है। काफी संख्या में इनकी आमद होने के कारण अक्सर बलवा भी हो रहा है। शेर बहादुर ने बताया कि ईसाई धर्म अपनाने पर काफी आर्थिक मदद भी मिल रही है और स्कूलों में नौकरियां भी दी जा रही हैं। मालूम हो कि नेपाल में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है जिसके कारण वहां के लोग आर्थिक गुलाम बनते जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार गोरखपुर की सीमा पार करते ही नेपाल शुरू हो जाता है। रूपईडीहा और नारायणगढ़ में भी ईसाई प्रचारकों का पूरा सिस्टम काम करता है जिसके जरिये वह हिंदू धर्म को छोडक़र ईसाई धर्म अपनाने का जाल फैलाते हैं। मालूम हो कि ईसाई प्रचारकों द्वारा नेपाली नागरिकों को धर्म अपनाने की एवज में एक मोटी रकम भी दी जाती है। चौंकाने वाले तथ्य यह भी सामने आये हैं कि वहां की महिलाओं को नन बनाने का भी काम जोरशोर से चल रहा है जोकि यहां से निकल कर पूरी दुनिया में फैल रही हैं।