ड्रैगन पर वार: सीमा पर तैनात रहेगी आर्मी

नई दिल्ली। डोकलाम में जारी गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच शुक्रवार को हुई फ्लैग मीटिंग भी बेनतीजा रही। सूत्रों के अनुसार, भारत ने एक बार फिर चीन से कहा कि वह भूटानी भूभाग में सडक़ निर्माण का काम बंद करे। सिक्किम के नाथूला में शुक्रवार को हुई फ्लैग मीटिंग में भारत की ओर से सेना के दो शीर्ष अधिकारी और एक मेजर जनरल रैंक के अधिकारी शामिल हुए। आम तौर पर फ्लैग मीटिंग ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों के बीच होती है। सूत्रों के अनुसार, एक अन्य फ्लैग मीटिंग जल्द हो सकती है और इसमें लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारी शामिल हो सकते हैं। शुक्रवार को ऐसी खबरें आई थीं कि भारतीय सेना पूर्वी सीमा पर हाई अलर्ट पर है।
सैन्य अधिकारियों ने हालांकि स्थिति पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और इस बात को खारिज कर दिया कि किसी तरह का अलर्ट जारी हुआ है।
इससे पहले डोकलाम के मुद्दे पर चीन की धमकियों को गंभीरता से लेते हुए भारत ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा के समूचे इलाके में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। चीन की हरकतों को ध्यान में रखते हुए सैनिकों को चौकन्ना रहने को भी कहा गया है।
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, स्थानीय मौसम से तालमेल बिठा चुके जवानों सहित करीब 45 हजार जवानों को हर वक्त सीमा पर तैयार रखा जाता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि उन्हें तैनात किया ही जाए। समुद्र तल से नौ हजार फुट से भी ज्यादा की उंचाई पर तैनात सैनिकों को मौसम से तालमेल बिठाने की 14 दिन लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है ।
चीन ने डोका ला क्षेत्र में समझौते के तहत पीछे हटने की खबरों को खारिज किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ जियाझुओ ने उन रिपोर्टों को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि भारत के अपने सैनिकों को 250 मीटर पीछे हटाने के प्रस्ताव के जवाब में चीन ने अपने सैनिकों को 100 मीटर पीछे ले जाने का प्रस्ताव दिया है। चीन ने कहा कि वह अपनी सीमा की सुरक्षा से किसी भी हालत में समझौता नहीं करेगा। झाओ ने भारत की मांग को अतार्किक बताया।