चित्रकूट में पुलिस और डकैतों के बीच मुठभेड़ जारी: दारोगा शहीद

 

लखनऊ। चित्रकूट में मानिकपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में गुरुवार सुबह पांच बजे 5.30 लाख के इनामिया डाकू बबुली कोल गिरोह से पुलिस की मुठभेड़ हो गयी। मुठभेड़ में रैपुरा थाने के दरोगा जेपी सिंह शहीद हो गए जबकि बहिलपुरवा थानाध्यक्ष गोली लगने से घायल हो गए। एक घायल डकैत समेत तीन डकैतों को पुलिस ने पकड़ लिया है, आठ घंटे से ज्यादा समय से मुठभेड़ जारी है। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि खुंखार बबुली कोल गिरोह जंगल किनारे के गांव निही चिरैया के करीब वन विभाग की चौकी के आसपास मौजूद है। इस पर पुलिस कप्तान ने मऊ और मानिक सर्किल की दो पुलिस टीमें बनाकर जंगल की तरफ रवाना किया। पुलिस को देखते ही डकैत गिरोह ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं, पुलिस जब तक संभलती दरोगा जेपी के पेट और पैर में दो गोलियां लगीं। पुलिस जब तक उनको जंगल के बाहर लाती मौत हो गयी। इसके बाद पुलिस की दोनों टीमों ने डकैतों को घेर कर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। शहीद दरोगा जेपी सिंह मूल रूप से जौनपुर के नेवरिया थाना क्षेत्र के बनोवरा गांव के रहने वाले हैं। मुठभेड़ के बीच में बहिलपुरवा थाने के एसओ वीरेन्द्र त्रिपाठी को एक गोली लगी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।पुलिस की गोली से निही के पुरवा औदरा का रहने वाला डकैत राजू कोल घायल हो गया। पुलिस ने घेराबंदी कर राजू कोल समेत तीन तकैतों को पकड़ लिया, बाकी डकैत पीछे हट कर गोलियां चलाते रहे। आठ घंटे से जारी मुठभेड़ में दोनों तरफ से लगातार फायरिंग चल रही है जिसमें कुछ और डकैतों के घायल होने की सूचना पुलिस ने दी है।
डकैतों से मुठभेड़ शुरू हुई तब पुलिस को यह अहसास नहीं था कि डकैत इकदम फायरिंग शुरू कर देंगे लेकिन अचानक फायरिंग से दरोगा के शहीद होने पर पुलिस में आक्रोश फैल गया। इसके बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इससे भयभीत डकैत पीछे हटने लगे, जिससे पुलिस को तीन डकैतों को पकडऩे में सफलता मिली। पुलिस की तरफ से एक बाग बबुली कोल के दाहिने हाथ 60 हजार के इनामी लवलेश कोल के मारे जाने की खबर बाहर आयी लेकिन बाद में बताया गया कि उसको पुलिस ने अभी फायरिंग करते देखा है, माना जा रहा है उसको भी गोली लगी है लेकिन वह अभी जिंदा है। डकैत गिरोह को पुलिस ने तीन तरफ से घेर रखा है, चौथी तरफ से घेरने के लिए जंगल में घुसते समय ही बहिलपुरवा थानाध्यक्ष को गोली लगी। डकैत इस तरफ से भागने के फिराक में हैं लेकिन जंगल से बाहर निकलने के लिए फिलहाल उनको कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा और पुलिस ने उन अब चारो तरफ से दबाव बना लिया है।
डकैत गिरोह के सरगना बबुली कोल ने अपने मुखबिर को फोन करके बाहर निकलने के लिए जंगल के एक तरफ बने मंदिर के पास दो बाइक लेकर पहुंचने के लिए कहा है। पुलिस सर्विलांस टीम लगातार बबुली के फोन सुन रही है। यह सूचना मिलते ही पुलिस की एक टीम ने मंदिर के पास मोर्चा संभाल लिया है, हालांकि फोन करने के पौन घंटे बाद तक फिलहाल गिरोह जंगल के बाहर नहीं निकल पाया, इस बीच दोनों तरफ से फायरिंग तेज हो गयी है। पुलिस और डकैतों के बीच मुठभेड़ से आसपास के गावों में भारी दहशत है। गांव वालों को डल है कहीं डकैत किसी गांव में न घुस जाएं, इसके चलते ज्यादातर ग्रामीणों ने अपने को घरों में कैद कर लिया है। घायल डकैत भी जंगल किनारे गांव का रहने वाला है और इन गावों में डकैतों को शरण भी मिलती है इसलिए पुलिस कार्रवाई का भी गांव में भय है।