सडक़ों पर उतरे वामदल: मंत्रियों की बर्खास्त करने की मांग

 

लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और अन्य वामपंथी दलों ने आज गोरखपुर बाल- संहार कांड और एक के बाद एक रेल दुर्घटनाओं में होरही मौतों और संपत्ति की हानि आदि पीडादायक सवालों को लेकर उत्तर प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिये. वामदलों ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और रेल मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की.
वामपंथी दलों ने कहाकि गोरखपुर मेडिकल कालेज में आक्सीजन के अभाव में हुयी बच्चों की मौत का सवाल हो या पूर्वोत्तरी उत्तर प्रदेश में बाढ की तबाही और वहाँ पैर पसार रहीं बीमारियों का सवाल, या फिर खतौली और औरैया में हुयी रेल दुर्घटना का मामला, केंद्र और राज्य सरकार अकर्मण्य, संवेदनशून्य और अपनी अक्षमताओं पर पर्दा डालने वाली साबित हुयी हैं. वामदल देश और प्रदेश में होरहे घटनाक्रमों में जनता की इस तबाही को मूक दर्शक बन नहीं देख सकते अतएव वे जनहित में सडक़ों पर उतर रहे हैं.
भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने बताया कि वामदलों के नेत्रत्व में हुये इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की है और रेल मंत्री और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की मांग को शिद्दत के साथ उठाया है. लोकतंत्र में लोक प्रश्नों पर जबावदेही तय होनी चाहिये और इस संबंध में नाटक नहीं, कार्यवाही दिखनी चाहिये. वामदलों ने गोरखपुर बाल हत्या कांड और रेल हादसों की जांच क्रमश: हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश से कराने की मांग की है.
वामदलों ने आक्सीजन कान्ड में मृत बच्चों के परिवारों को रुपये पच्चीस लाख की सहायता और जिनका इलाज चल रहा है इलाज की समूची व्यवस्था करने की मांग की है. रेल हादसों में मृतकों और घायलों के लिये भी इतनी ही धनराशि की मांग की है. वामदलों ने स्वास्थ्य सेवाओं का निजी करण रोकने, स्वास्थ्य बजट दोगुना किये जाने, स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोके जाने, हर नागरिक को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने, हर एक लाख की आबादी पर सौ शैयाओं वाला और हर दस लाख की आबादी पर एक हजार शैयाओं वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खोले जाने तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की दशा सुधारे जाने की मांग की है.
वामदलों द्वारा दिये ज्ञापनों में बाढ की विभीषिका से नागरिकों को बचाने के लिये पर्याप्त कदम उठाने, इन इलाकों में भरपूर राहत सामग्री भेजे जाने, बाढ के बाद फैलने वाली महामारियों से बचाव के लिये ठोस कदम उठाने, इंसेफिलाइटिस, डेंगू, चिकुनगुनियां व स्वाइन फ्लू जैसी महामारियों की रोकथाम के लिये विशेष अभियान चलाने, जिन जनपदों में औसत से कम बारिश हुयी है उन्हें सूखाग्रस्त घोषित किये जाने तथा कथित स्वच्छता अभियान के नाम पर विज्ञापनों के जरिये प्रचार माध्यमों को लुटायी जारही धनराशि को सफाई कर्मियों की नियुक्ति और सफाई उपकरण खरीदने पर खर्च किये जाने की मांग की है.
आज के इस आंदोलन में भाकपा, माकपा, भाकपा- माले, फारबर्ड ब्लाक तथा एसयूसीआई-सी ने भाग लिया. ज्ञापन राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित थे जिन्हें जिले के अधिकारियों को सौंपा गया.