मॉब लिंचिंग पर मोदी सरकार सख्त

नई दिल्ली। केंद्र सरकार भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) को दंडनीय अपराध के तौर पर परिभाषित करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन कर सकती है। सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि एक मॉडल कानून का मसौदा तैयार करने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है, जिसे राज्य सरकारें मॉब लिंचिंग की घटनाएं रोकने के लिए अपना सकें। उन्होंने कहा कि सबकुछ शुरुआती चरण में है, क्योंकि केंद्र को नया कानून बनाने को कहने वाले उच्चतम न्यायालय के समूचे आदेश का परीक्षण करने की आवश्यकता यदि आईपीसी में संशोधन किया जाता है तो सरकार को मॉब लिंचिंग पर अलग से कोई कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अधिकारी ने कहा कि यदि खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा आरोपी पर डाल दिया जाता है तो सीआरपीसी एवं भारतीय साक्ष्य कानून की कुछ धाराओं में भी संशोधन करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर अपना रुख तय करने में कई दिन लग सकते हैं। सरकार सोशल मीडिया से जुड़ी रूपरेखा को भी ठोस बना सकती है ताकि ऐसी घटनाओं की वजह बनने वाली अफवाहों पर लगाम सुनिश्चित की जा सके।