सौ रुपये का नया नोट: कंपनियों का बढ़ा सिरदर्द

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 100 रुपये का नया नोट लाने की घोषणा से देश में ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) बनाने और आपूर्ति करने वाली कंपनियों में घबराहट पैदा हो गई है. विमुद्रीकरण के बाद 2,000 रुपये, 500 रुपये और 200 रुपये के नए नोटों के साथ-साथ 50 रुपये और 10 रुपये के जो नए नोट आए हैं वे पहले की अपेक्षा आकार में छोटे हैं. उसी प्रकार बैंगनी रंग में आने वाला 100 रुपये का नोट भी चलन में मौजूद नीले रंग के 100 रुपये की नोट से आकार में छोटा है. आरबीआई की घोषणा के अनुसार, मौजूदा नोट का आकार 157 मिलीमीटर लंबा और 73 मिलीमीटर चौड़ा है जबकि नया नोट 142 मिलीमीटर लंबा और 66 मिलीमीटर चौड़ा है. एटीएम उद्योग महासंघ के निदेशक वी. बालासुब्रमण्यन ने बातचीत में कहा, 100 रुपये के नए नोट के लिए अब देश के सभी 2,37,000 एटीएम को दोबार री-कैलिब्रेट (नये सिरे से दुरुस्त) करना होगा. इसमें काफी मशक्कत करनी पड़ेगी जिसमें समय के साथ-साथ लागत खर्च भी बढ़ेगा। सभी एटीएम को 100 रुपये के नए नोट के लिए दुरुस्त करने में एटीएम ऑपरेटर को संबंधित बैंक की नकदी के मामलों की एजेंसी के अधिकारियों और मशीन विनिर्माता कंपनियों के इंजीनियरों की जरूरत होगी. बाला सुब्रमण्यन ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा, एक एटीएम को दुरुस्त करने में 20 मिनट का समय लगता है लेकिन इस काम में लॉजिस्टिक्स का काम बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जैसे नकदी एजेंसी के अधिकारी और इंजीनियर का एक साथ होना. बहुत प्रयास करने के बाद भी एक दिन में 15 से 20 एटीएम को दुरुस्त किया जा सकता है। लिहाजा, समय लगने के साथ-साथ इसमें खर्च काफी ज्यादा हो जाता है।