आखिरकार फांसी पर झूल गया मुम्बई का गुनहगार याकूब मेमन

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नागपुर। मुम्बई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को गुरुवार की सुबह बजे आखिरकार फांसी दे दी गयी। बुधवार देर रात को सुप्रीम कोर्ट की विशेष सुनवाई के बाद आज सुबह करीब पाँच बजे जस्टिस दीपक मिश्र की अगुआई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने याक़ूब की याचिका को खारिज कर दिया था। बुधवार को याकूब की ओर से दायर नई दया याचिका को भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से खारिज कर दिया गया था।
साल 1993 में हुए मुंबई हमलों के गुनहगार याकूब मेमन को आखिरकार 22 साल बाद गुरुवार सुबह फांसी दे दी गई है। सुबह 7.01 बजे याकूब को मृत घोषित कर दिया गया। पहले से तयशुदा कार्यक्रम के तहत नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी की प्रक्रिया करीब 5 बजे शुरू हुई। याकूब को जेल सुपरिटेंडेंट योगेश देसाई खुद फांसी दी। देसाई ने ही कसाब को फांसी दी थी। इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात बचाव पक्ष की तमाम कोशिशों के बावजूद याकूब की फांसी टल नहीं पाई। फांसी 14 दिन टालने की अर्जी पर सुनवाई के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। नागपुर, मुंबई समेत देश के तमाम बड़े शहरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. जेल के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है. मुंबई में याकूब मेमन के घर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।