भेजा था जेल,16 साल बाद राजाभैया की पार्टी की घोषणा मायावती के बनाये रमाबाई मैदान में की,

लखनऊ। 2002 में उप्र की मुख्यमंत्री रहते मायावती ने जिन राजाभैया को ‘पोटा’में जेल भेज कर देश भर में चर्चित किया था, 16 साल बाद मायावती के बनाये रमाबाई मैदान में भारी भीड़ जुटा कर राजाभैया ने नये दल का एलान कर दिया। इसके साथ ही उप्र में एक नई पार्टी का आगाज हो गया है। नई पार्टी का नाम है ‘जनसत्ता’ है। इसके मुखिया है, एक ही चुनाव क्षेत्र ‘कुंडा’ से निर्दलीय विधायक के रूप में लगातार 6 बार चुनाव जीत कर 25 साल से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ‘राजाभैया’। 25 साल पूरे होने पर उनका सम्मान भी किया गया।
राजाभैया ने नई पार्टी के निर्माण के लिए पहली रैली पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा बनाये गए रमाबाई मैदान में की। उन्होने कहा कि पार्टी के नाम के लिए चुनाव आयोग में प्रक्रिया चल रही है। जनसत्ता दल, जनसत्ता पार्टी या जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी में से कोई नाम मिलेगा।
याद रहे, बसपा अध्यक्ष मायावती ने ‘राजाभैया’ को 2002 में पोटा कानून में जेल में बंद कर दिया था। उन्हे 8 महीने जेल में रहना पड़ा। राजाभैया 1997 में पहली बार प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार में समर्थन देने की कीमत में मंत्री बने थे। वह 2002 तक मंत्री रहे। 2003 से 07 तक और फिर 2012 से 2017 तक सपा सरकार में मंत्री रहे। अब राजाभैया अपनी पार्टी के जरिये बसपा की दलित राजनीति पर हमलावर होगें। रैली में बोलते हुए उन्होने कहा कि कि रेप और हत्या के बाद पीड़ित को जाति के आधार पर मिलने वाला मुआवजा बंद होना चाहिए। सरकार पर इस पर ध्यान देना चाहिए। क्योकि किसी भी पीड़ित परिवार में दुर्घटना होने के बाद उसकी जाति पूछकर मदद नहीं करनी चाहिए। हम इसका विरोध करते हैं। इसके साथ ही आरक्षण से आईएएस आईपीएस बने लोगों के परिवार को दुबारा आरक्षण न दिये जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी मजदूर, किसान और जवान के लिए संकल्पित है। साथ ही सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए भी हम काम करेंगे। हमारी पार्टी का एजेंडा है कि सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों के सीमा पर शहीद होने पर 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए।
रैली में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। राजा भैया ने कहा कि उप्र विधानसभा में 25 साल पूरे होने पर सर्वे कराया गया। इसमें 20 लाख लोगों ने भाग लिया और 80 फीसदी से ज्यादा लोगों ने नए दल के गठन के लिए रजामंदी दी। पार्टी के नाम के लिए चुनाव आयोग में प्रक्रिया चल रही है।
गौरतलब है कि उप्र में एक ही चुनाव क्षेत्र व एक ही सिंबल पर लगतार 34 साल विधायक रहने का रिकार्ड कांग्रेस के प्रमोद तिवारी का है। यह भी प्रतापगढ़ से है।

भाजपा से लोकसभा चुनाव में दो सीटें लेने के लिए बनायी है पार्टी
राजाभैया भले ही लंबे समय तक सपा सरकार में मंत्री रहें है लेकिन उनके रिश्ते भाजपा नेताओं से बेहद करीबी रहें है। जानकारों का मानना है कि राजाभैया 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते है, ताकि प्रतापगढ़ व कौशांबी सीट पर अपने उम्मीदवार उतार सकें। प्रतापगढ़ से उनके करीबी अक्षय प्रताप सिंह सपा के टिकट पर दो बार चुनाव जीत चुके है।