लखनऊ सीट: बीजेपी का गढ़, नहीं गली किसी की दाल

लखनऊ। वीवीआईपी सीट लखनऊ के मतदाताओं ने लोकसभा चुनावों में कई दिग्गज नेताओं व सितारों की चमक फीकी की है। उन्हें लखनऊ में हार का मुंह देखना पड़ा। फिल्मी दुनिया के जाने-माने चेहरे हों या राजा महाराजा, जनता ने सभी को नकारा। यहां से चुनाव हारने वाले कई नेताओं की आगे की राजनीति ही खत्म हो गई।
28 सालों से लखनऊ बीजेपी का गढ़ रहा है। कई बड़े नेता, राजा, फिल्मी सितारे और धनाड्य लोगों ने यहां से किस्मत आजमाई लेकिन वे अभी तक तो नाकामयाब ही रहे। देश के सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने भी लखनऊ से किस्मत आजमाई। यहां की जनता ने उन्हें न सिर्फ नकार दिया बल्कि 2004 में बुरी हार भी मिली। उन्हें केवल 57 हजार वोट मिले थे।जानी-मानी डॉक्टर मधु गुप्ता को भी हार झेलनी पड़ी।
1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कश्मीर के महाराजा हरि सिंह व महारानी तारादेवी के पुत्र डॉ. कर्ण सिंह को लखनऊ में उतारा। कर्ण सिंह कई बार केन्द्रीय मंत्री रह चुके थे लेकिन वह भी हार गए। हालांकि उन्होंने अटल जी को कड़ी टक्कर दी थी। उन्हें दो लाख 39 हजार वोट जबकि अटल बिहारी को तीन लाख 62 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। सपा ने अपने पूर्व मंत्री व प्रभावशाली नेता भगवती सिंह को मैदान में उतारा। उन्हें भी हार मिली।
बिहार के राज्यपाल व पूर्वमंत्री लालजी टंडन भी लखनऊ से सांसद का चुनाव हार चुके हैं। वह 1984 में सांसद का चुनाव हारे थे। बीजेपी के टिकट पर उतरे लाल जी टंडन को कांग्रेस की शीला कौल ने हराया था। शीला कौल को एक लाख 69 हजार 260 वोट मिले थे, जबकि लाल जी टंडन को केवल 36 हजार 973 वोट मिले थे। 2009 के चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की।
फिल्म स्टार और वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी लखनऊ से चुनाव हार चुके हैं। उन्होंने 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। राज बब्बर उस समय पापुलर फिल्म स्टार थे। इसके बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें एक लाख 18 हजार 671 वोटों से चुनाव हराया। फिल्म स्टार व कॉमेडियन जावेद जाफरी ने भी लखनऊ में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन उन्हें बुरी हार झेलनी पड़ी। 2014 के चुनाव में उन्हें केवल 41 हजार 429 वोट ही मिले। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर नफीसा अली मैदान में उतरीं लेकिन उन्हें भी मात खानी पड़ी। उन्हें सांसद लालजी टण्डन ने चुनाव हराया। उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।नफीसा को केवल 61 हजार 457 वोट मिले।