राहुल की आय योजना कहीं पड़ न जाये भारी

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी की न्यूनतम आय योजना (न्याय) से देश के 20 फीसदी गरीबों को सालाना 72,000 रुपये या मासिक 6,000 रुपये मिलना सुनिश्चित होगा। राहुल गांधी की इस घोषणा के बाद से ही पूरी बीजेपी में हलचल है और पीएम मोदी तक को नहीं समझ आ रहा है कि आखिर इस योजना की काट क्या है। वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी इस योजना को लेकर काफी उत्साहित हैं। कांग्रेस की इस योजना को लेकर जनता में भी काफी उत्सुकता नजर आ रही है।
साल 2015 से 2017 तक नीति आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके पनगढिय़ा ने कहा कि न्याय को लागू करना बेहद मुश्किल होगा और यह शायद ही अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएगा। दिग्गज अर्थशास्त्री पनगढिय़ा ने कहा, इस योजना से तीन सवाल पैदा होते हैं – क्या इसका लाभ सबको मिल पाएगा, इसे लागू करने में पारदर्शिता और राजकोषीय चुनौती।
लेकिन राहुल गांधी ने कहा है कि न्याय योजना के दो मकसद हैं, पहला यह देश के 20 फीसदी गरीबों को रकम मुहैया कराएगा और साल 2016 में नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई करेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि इस योजना को लेकर कई अर्थशास्त्रियों से परामर्श किया गया और सभी ने व्यापक स्तर पर सहमति जताई है कि भारत में इस योजना को लागू करने की पूरी क्षमता है।