एक सितम्बर से बदल जायेंगे नियम

नयी दिल्ली। एक सितंबर से आपके जीवन में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. घर खरीदना जहां सस्ता हो जायेगा, तो वहीं लापरवाही से वाहन चलाने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. यह बदलाव आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर काफी असर डालेंगे।
स्टेट बैंक एक सितंबर से अपने ग्राहकों को होम और ऑटो लोन को रेपो रेट से लिंक करेगा. इससे ग्राहकों को यह लाभ होगा कि जब भी आरबीआइ रेपो रेट में कटौती करेगा, तो आपको इसका तुरंत फायदा मिलेगा. इएमआइ में राहत मिलेगी।
केवाइसी नहीं, तो मोबाइल वॉलेट बंद : यदि आप पेटीएम, फोनपे या गूगल पे जैसे मोबाइल वॉलेट का उपयोग करते हैं, तो शनिवार तक इसकी केवाइसी पूरी करा लें, क्योंकि, एक सितंबर से ऐसा नहीं कराने पर आपका मोबाइल वॉलेट काम करना बंद कर देगा।
फिक्ड डिपॉ़जिट दरों में कटौती : स्टेट बैंक ने रिटेल डिपॉजिट पर ब्याज दर घटा दी है. एक लाख रुपये तक के डिपॉजिट वाले ग्राहकों को सेविंग अकाउंट में 3.5 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा. एक लाख से ज्यादा डिपॉजिट वाले जो ग्राहक हैं उनके लिए यह दर तीन फीसदी ही रहेगी.
किसान क्रेडिट कार्ड : किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की प्रक्रिया आसान होगी. बैंक अधिकतम 15 दिनों में किसान क्रेडिट कार्ड जारी करेगा.
59 मिनट में लोन : कई सरकारी बैंक 59 मिनट में होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने की सुविधा शुरू कर सकते हैं.

टैक्स मामलों में बदलाव

सेवा टैक्स और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के पुराने विरासती मामलों (माफी योजना) को कम करने के लिए विवाद निबटान और माफी योजना एक सितंबर से चार महीने के लिए अमल में आ जायेगी. इसमें बकाया टैक्स चुकाया जा सकेगा और कानूनी कार्रवाई भी नहीं होगी.
बैंक खाते से कैश निकासी पर टीडीएस : एक साल में बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाते से एक करोड़ रुपये से ज्यादा निकासी पर टीडीएस वसूला जायेगा।
50 लाख के भुगतान पर टीडीएस : घर की मरम्मत, शादी-ब्याह या किसी अन्य काम के लिए पेशेवर को सालाना 50 लाख से ज्यादा का भुगतान पर 05फीसदी की दर से टीडीएस.
लाइफ इंश्योरेंस के टैक्सेबल हिस्से पर टीडीएस : लाइफ इंश्योरेंस के मैच्योर होने पर मिली रकम यदि टैक्सेबल है,तो कुल इनकम वाले हिस्से पर पांच फीसदी की दर से टीडीएस कटेगा.
पैन के बदले आधार का इस्तेमाल : पैन के बदले आधार को कुछ तय ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही निर्धारित समयसीमा के अंदर पैन को आधार से लिंक नहीं करने पर पैन इनऑपरेटिव (निष्प्रभावी) हो जायेगा।