फास्टैग का फंडा: स्कैनर अगर खराब तो नहीं लगेगा टोल

बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार ने सभी टोल प्लाजा पर एक दिसंबर से फास्टैग अनिवार्य कर दिया है। यदि किसी टोल पर स्कैनर में कोई खराबी है और फास्टैग को स्कैन नहीं कर पा रहा है, तो वाहन चालक को कोई पैसा नहीं चुकाना होगा। वह फ्री में ही टोल से गुजर सकेगा। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि किसी टोल प्लाजा पर स्कैनर में कोई खराबी आ जाती है और वह आपका फास्टैग स्कैन नहीं कर पा रहा है तो इसके लिए वाहन चालक जिम्मेदार नहीं होगा। इस स्थिति में चालक को कोई पैसा नहीं चुकाना होगा और वह फ्री में टोल से गुजर सकेगा। साथ ही वह मैनुअल तरीके जीरो फीस की रसीद भी काटेंगे, ताकि उस गाड़ी का रिकॉर्ड दर्ज हो जाए। इसके लिए टोल पर बोर्ड लगाने के लिए भी कहा गया है, जिससे जागरूकता फैलाई जा सके।
एनएचएआई के मुताबिक कार, जीप वैन के लिए नीले रंग का फास्ट टैग निर्धारित किया गया है। हल्के वाणिज्य वाहनों के लिए लाल व पीला रंग, बस के लिए हरा व पीला रंग, मिनी बस के लिए संतरी रंग निर्धारित किया गया है।
ट्रक को उनकी क्षमता के अनुसार रंग दिया गया है। 12 से 16 हजार किलो वजन वाले ट्रक को हरा रंग, 14,200 से 25 हजार किलो के ट्रक को पीला रंग, 25 से 54 हजार किलो के वजनी ट्रक को गुलाबी तथा 54,200 किलो से अधिक वजन के ट्रक को आसमानी रंग दिया गया है। जेसीबी व अन्य निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली मशीन के लिए ग्रे रंग का फास्ट टैग निर्धारित हुआ है। राजधानी के सभी टोल प्लाजा पर गुरुवार को भी काफी भीड़ रही, लेकिन फास्टैग की कमी और सर्वर की समस्या के कारण लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। इस दौरान रायबरेली रोड स्थित दखिना टोल प्लाजा, सीतापुर रोड स्थित इटौंजा टोल प्लाजा, नवाबगंज टोल प्लाजा सहित सभी जगहों पर फास्टैग न मिलने से लोग परेशान दिखे। कमोवेश यही हाल लखनऊ से सुलतानपुर हाईवे पर भी देखने को मिला। यहां भी फास्टैग के लिए लोग परेशान रहे।