अयोध्या की रामलीला में बह रही है सदभावना की सरयू

लखनऊ। अयोध्या में आधुनिकता के नये प्रयोग के साथ सहिष्णुता का रंग गाढ़ा हो रहा है। सरयू में सद्भाव की लहरे किनारों को लबरेज कर रहीं है। शाहबाज खान, अपने गंभीर स्वर में भगवान शंकर का शिवतांडव स़्त्रोत का गायन कर रहें है।खान, अयोध्या की रामलीला में रावण की भूमिका में है। रावण भगवान शंकर का परमभक्त था। शाहबाज समझाते है, रामलीला, राम व रावण से जुड़ी घटनाओं का प्रवाह है। रावण महानभक्त होने के साथ अहंकारी था। यही उसकी कमी थी। मै मुसलमान हूं लेकिन बचपन से रामायण को पढ़ा और समझा है। इसमें व्यक्ति परिवार और समाज के प्रति जिम्मेदारियों व मूल्यों का बोध कराने की शक्ति है। रावण तो दिल्ली में भी बना था, लेकिन अयोध्या का अनुभव बेहद खास है। अयोध्या बेहद वैभवशाली है।रामलीला में अंगद बने, भाजपा सांसद व फिल्म स्टार रवि किशन ने कहा कि अयोध्या की रामलीला पूरे भारत की हैं, राष्ट्रगान के सभी हिस्सों, पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंग सभी जगहों का इस रामलीला से कोई न कोई जुड़ाव है। नारद बने असरानी सिंधि परिवार से है। बिन्दु दारा सिंह पंजाब से है। मंच के सामने ही नही पीछे भी मिनी भारत है। बिन्दुदारा सिंह ने कहा कि मेरे पिता ने हनुमान की एतिहासिक भूमिका की थी, पिता के आशीर्वाद से मै अयोध्या में हनुमान की भूमिका निभा रहा हूं, मुझे गर्व के साथ आध्यात्मिक अहसास हो रहा है। अयोध्या में रामलीला त्रेतायुग का अहसास कराती है। सोचता हूं तो आनंद आ रहा है। इसीलिए मै पहले ही अयोध्या आ गया। यहां सौहार्द है। रामलीला धार्मिक कथा ही नही है, इसमें सद्भाव की सरयू बहती है। यही देश की अंतरात्मा है।अयोध्या की रामलीला को लेकर के आयोजक बॉबी मलिक ने कहा कि हमारे साथ सभी धर्मो के लोग काम कर रहें है। सभी खुश है। अयोध्या में रामलीला करने की प्रेरणा भी भगवान राम ने दी। जिस दिन से सोचा सब कुछ बेहद आसानी से हो गया। लगता था कि कोरोना महामारी के दौर में उप्र सरकार अयोध्या में आयोजन की अनुमति नही देगी। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत स्वीकृति दे दी। शाहबाज खान, रावण की भूमिका के लिए तैयार हो गए। हालांकि पहले मुकेश ऋषि को रावण की भूमिका करनी थी।