दूसरे चरण में लोजपा और भाजपा की अग्नि परीक्षा

पटना। बिहार के विधानसभा चुनाव में 134 सीटों पर लोजपा उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से मात्र छह सीटें ही ऐसी हैं, जहां भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ लोजपा उम्मीदवार भी मैदान में हैं। इन छह में पांच सीटों पर दूसरे चरण में ही चुनाव है। ऐसे में जब लोजपा ऐलान कर चुकी है कि उसके उम्मीदवार जीतने के बाद भाजपा का समर्थन देंगे, तब इन दोनों दलों को क्या प्रदर्शन होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
लोजपा ने साफ किया है कि छह सीटों पर भाजपा से उसकी दोस्ताना लड़ाई है। दूसरे चरण में दोनों दलों के उम्मीदवार गोविंदगंज, लालगंज, राघोपुर, रोसड़ा और भागलपुर में खड़े हैं। इनमें दो गोविंदगंज और लालगंज लोजपा की सीटिंग सीट है। लालगंज से विधायक राजकुमार साह व गोविंदगंज से विधायक राजू तिवारी लोजपा से मैदान में हैं। लोजपा की दोनों सीटिंग सीटों पर भी दूसरे चरण में ही चुनाव है। इस लिहाज से भी उसके लिए यह चरण महत्वपूर्ण है। रोसड़ा से रामविलास पासवान के भतीजे और समस्तीपुर सांसद प्रिंस राज के बड़े भाई लोजपा उम्मीदवार हैं।
भाजपा के खिलाफ लोजपा के उम्मीदवार राघोपुर में भी मैदान में हैं। राघोपुर से राजद के तेजस्वी प्रसाद यादव भी मैदान में है। तेजस्वी यादव महागठबंधन का चेहरा हैं। ऐसे में यह सीट काफी महत्वपूर्ण है। यहां पर लोजपा के उम्मीदवार के प्रदर्शन पर भी सबकी निगाहें होंगी।
दूसे चरण में 27 सीटों पर राजद और भाजपा आमने-सामने होंगे। वहीं, 24 सीटों पर तीर (जदयू) और लालटेन (राजद) में हार-जीत का फैसला होना है। जबकि पांच सीट पर राजद और वीआईपी के बीच चुनावी भिड़ंत होगी। इस बार हालात बदले हुए हैं।राजद दूसरे चरण में शामिल 94 में से राजद ने पिछले चुनाव में 31 सीटें हासिल की थीं। इस बार पार्टी 56 सीटों पर ताल ठोंक रही है। परिस्थितियां पिछले चुनाव से भिन्न हैं। इस बार चुनावी सहयोगी बदले हुए हैं। जो जदयू पहले महागठबंधन का हिस्सा था, वह इस बार एनडीए में रहते हुए सामने है। उसी जदयू से 24 सीटों पर भिडऩा है। वहीं, वाम दल इस बार साथ हैं। इस दफे नए राजनैतिक रिश्तों का भी इम्तहान होगा।