धनतेरस पर खरीदिए सस्ता सोना

डेस्क। धनतेरस से पहले आपको एक बार फिर से सस्ता सोने खरीदने का मौका मिल रहा है। सरकार ने स्वर्ण बॉंड योजना 2020- 21 की आठवीं श्रृंखला में निवेश के लिए 9 से 13 नवंबर 2020 के बीच खोला है। यानी, आप सोमवार से स्वर्ग बॉन्ड योजना में निवेश कर सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए सरकार ने कीमत 5,177 रुपये प्रति ग्राम तय की है। विशेषज्ञों का कहना है कि फिजिकल गोल्ड के मुकाबले डिजिटल गोल्ड में निवेश करना आज के समय में सही है। इसकी वजह डिजिटल गोल्ड की कम कीमत, निवेश करना आसान और मिलने वाला बेहतर रिटर्न है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश से पहले इन 10 बातों को जान लें

  1. ऑनलाइन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी।
  2. ऑनलाइन निवेश करने वाले निवेशकों के लिए प्रति ग्राम कीमत 5,127 रुपये होगी।
  3. आरबीआई ने कहा, स्वर्ण बॉंड के लिए इंडियन बुलियन एण्ड जूलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा 999 शुद्धता के सोने के प्रकाशित सामान्य औसत बंद भाव पर आधारित है। इसके तहत दाम 5,177 रुपये प्रति ग्राम तय हुआ है।
  4. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की सातवीं श्रृखंला जो 12 से 16 अक्तूबर को खुला था उसमें सोने की कीमत 5,051 रुपये प्रति ग्राम तय की कई थी।
  5. भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2020-21 जारी किया जा रहा है।
  6. निवेशक 1 ग्राम से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश की शुरुआत कर सकता है। इस स्कीम के तहत एक वित्त वर्ष में कोई भी व्यक्ति अधिकतम 4 किलोग्राम तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं, ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम की है।
  7. सरकार की ओर से गोल्ड बॉन्ड में किए हुए निवेश पर 2.5 फीसदी सालाना की दर से ब्याज भी दिया जाता है।
  8. विशेषज्ञों का कहना है कि फिजिकल गोल्ड के मुकाबले गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना सही है अगर निवेशक इसको परिपक्वता तक रखता है।
  9. गोल्ड बॉन्ड में मैच्योरिटी पीरियड आठ साल का होता है लेकिन निवेशक पांच साल के बाद इसे भुना सकता है।
  10. गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता पर कोई पूंजीगत लाभ नहीं लगता है।
    इसे खरीदने के लिए आपको अपने बैंक, बीएसई, एनएसई की वेबसाइट या डाकघर से संपर्क करना होगा। यहां से इसे डिजिटल तरीके से खरीदा जा सकता है। यह एक तरह का सुरक्षित निवेश है क्योंकि न तो शुद्धता की चिंता रहती है और न ही सिक्योरिटी का झंझट रहता है। बता दें कि सरकार ने फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी लाने के लक्ष्य के साथ नवंबर, 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी।