दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे 48 दिन में तैयार करने की चुनौती

श्यामल मुखर्जी-दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के सामने अब 48 दिनों में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे तैयार करने की चुनौती है मौजूदा काम को देखा जाए तो अभी बड़े हिस्से में काम बडा हुआ है। चौथे चरण में ही डासना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक के हिस्से में करीब 50 फ़ीसदी काम बचा है वही दूसरे चरण में भी अभी विजयनगर से डासना तक के हिस्से में बड़ा काम बचा है जबकि केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 31 दिसंबर तक एक्सप्रेसवे तैयार होने की बात कही थी। एक्सप्रेस-वे पर काम काफी तेजी से चल रहा है लेकिन कुछ जगहों पर तकनीकी दिक्कतें हैं जिन्हें दूर करने में समय लगेगा इसी का नतीजा है कि दूसरे चरण में यूपी गेट से डासना के बीच अलीगढ़ रेल लाइन पर आरओबी बनाने का काम करीब मार्च 2021 तक जाकर पूरा होगा पहले आरओबी का डिजाइन रेलवे की तरफ से पास नहीं किया गया है लंबे समय तक डिजाइन को लेकर पेच फंसा रहा डिजाइन पास हुआ तो अब रेलवे चाहता है कि किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की निगरानी में आरोबी तैयार हो अब इसी को लेकर वार्ता चल रही है दूसरे चरण में अलग मामला सर्विस रोड को लेकर फसा है आदित्य वल्र्ड सिटी के मुख्य गेट से लाल कुआं तक अभी सर्विस रोड नहीं बनी है इसके बाद एबीइएस (क्रॉसिंग रिपब्लिक कट) से ताज हाईवे तक की सर्विस रोड नहीं बनी है जिसे बनने में लंबा समय लगेगा सर्विस रोड बनाने से पहले उसके नीचे पानी की पाइप लाइन डाली जानी है जिसका काम अभी काफी हिस्से में फंसा हुआ है।
चौथे चरण में डासना से मेरठ तक 32 किलोमीटर का छह लेन का नया ग्रीन एक्सप्रेसवे तैयार किया जा रहा है इसके लिए डासना से अलग से रूट तैयार हो रहा है डासना आईएमएस से ईस्टर्न पेरिफेरल तक का हिस्सा एलिवेटेड और आरओबी का ही बन रहा है इसी हिस्से में अभी हापुड़ रोड और मुरादाबाद रेल लाइन पर बन रहे ब्रिज के ऊपर गार्डर लांच किए गए हैं गार्डर लांच होने के बाद भी पक्की सडक़ तैयार करने में करीब 100 दिन का वक्त लगता है वैसे भी इस हिस्से में काफी बड़ा काम तकनीकी तौर पर पूरा करना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि एक साथ आरओबी और अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है।