बोले मोदी: सरकारी निर्णयों को मापने का एकमात्र मापदंड ‘राष्ट्रहित’

केवडिया (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकारी निर्णयों को मापने का एकमात्र मापदंड ‘राष्ट्रहित’ होना चाहिए और इसमें जब राजनीति हावी हो जाती है तो इसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है।
उन्होंने यहां स्थित सरदार सरोवर बांध से आज देश को मिल रहे लाभों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इसका निर्माण कार्य ‘राजनीति’ की वजह से बरसों तक अटका रहा जिसका देश को बहुत नुकसान हुआ।उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों को कोई पश्चाताप भी नहीं है।मोदी यहां वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पीठासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। दो दिन का यह सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ था जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमारे हर निर्णय का आधार एक ही होना चाहिए। इसे एक ही तराजू पर तौला जाना चाहिए…एक ही मानदंड होना चाहिए और वह है राष्ट्रहित। जब निर्णयों में देशहित और लोकहित की बजाय राजनीति हावी होती है तो उसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है। सरदार सरोवर बांध भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है।’’पीठासीन अधिकारियों से मुखातिब प्रधानमंत्री ने कहा कि केवडिय़ा प्रवास के दौरान आप सभी ने सरदार सरोवर बांध की विशालता, भव्यता और उसकी शक्ति देखी होगी लेकिन इसका काम बरसों तक अटका रहा और फंसा रहा।
उन्होंने कहा कि आज इस बांध का लाभ गुजरात के साथ ही मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के लोगों को हो रहा है। इस बांध से गुजरात की 18 लाख हेक्टेयर जमीन को, राजस्थान की 2.5 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित हुई है।उन्होंने कहा कि गुजरात के नौ हजार से ज्यादा गांव, राजस्थान और गुजरात के अनेकों छोटे-बड़े शहरों को घरेलू पानी की आपूर्ति इसी सरदार सरोवर बांध की वजह से हो पा रही है।