प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन: वार्षिक पेंशन फंड स्थापना की मांग

दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। पेंशन बुढ़ापे में गुजारे का सहारा है परंतु इसके लिए भी रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकार के सामने याचना करनी पड़ती है। जिस उम्र में व्यक्ति सम्मान पाने का हकदार होता है उस उम्र के पड़ाव पर रिटायर्ड कर्मचारी दीन हीन होकर सरकार के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में विकास प्राधिकरण में नौकरशाही का बोलबाला है। यहां विभागीय मंत्री द्वारा कर्मचारियों के हितों की बलि देने के लिए नौकरशाहों को स्वतंत्र छोड़ रखा है। पेंशन समय से ना मिलने से व नौकरशाहों के उदासीनता व अवहेलना पूर्ण रवैए से नाखुश होकर उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष श्री एमपी शर्मा ने प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ व उत्तर प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को दिनांक 14-12-2020 को पत्र प्रेषित किया है। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष श्री एमपी शर्मा ने पत्र में मांग करते हुए कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों का आय का एकमात्र स्रोत पेंशन है तथा वह भी समय से न मिलने पर घरेलू आवश्यकताओं को व्यवस्थित करना दूभर हो जाता है तथा साथ ही सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होती है जबकि पेंशन सेवानिवृत्त व्यक्ति के लिए सम्मानजनक जीवन यापन का एक जरिया है। उत्तराखंड पहाड़ी समाज व जुझारू कर्मचारी नेता श्री राम प्रसाद ध्यानी ने बताया कि प्रांतीय अध्यक्ष श्री एमपी शर्मा जी द्वारा प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश शासन को प्रेषित पत्र में उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण के अकेंद्रीय सेवा के सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशन लाभ नियमावली के भाग-6 धारा (20)16 का हवाला देते हुए लिखा कि प्राधिकरण उपाध्यक्ष के अधीन पेंशन निधि की स्थापना किए जाने का प्रावधान है लेकिन प्राधिकरण अधिकारियों के द्वारा नियमावली का अनुपालन न किए जाने के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सामने सम्मानजनक जीवन यापन में दिक्कत आ रही है। उन्होंने शीघ्र पेंशन निधि फंड स्थापना की मांग रखी है।