गाजियाबाद को निर्यात में बनाया जाएगा 1 नंबर जिला

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। देश की राजधानी से सटे जनपद गाजियाबाद से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्रमोशन कमेटी ने कार्य योजना तैयार की है। हालांकि जिले से पहले ही 15 हजार करोड़ का निर्यात किया जाता है बावजूद इसके गाजियाबाद जिले को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस का प्रमाण पत्र नहीं मिला है जबकि भारत सरकार की योजना के अंतर्गत 750 करोड़ से अधिक का निर्यात करने वाले जनपदों को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस का प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। इसके तहत जनपद को अवस्थापना संबंधी अतिरिक्त सुविधाएं केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। अब जिले के लिए टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस प्रमाण पत्र पाने का भी जिला प्रशासन प्रयास करेगा। जिला अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार के निर्यात प्रोत्साहन विभाग के निर्देश पर एक्सपोर्ट हब योजना के अंतर्गत यह कार्य योजना तैयार की गई है । कार्य योजना तैयार करने से पूर्व जनपद के प्रमुख औद्योगिक संगठनों,निर्यातको, उद्यमियों,इंटरनेशनल ट्रेड प्रमोशनल अथॉरिटी,इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के साथ बैठक कर समस्याओं व उनके समाधान पर विचार विमर्श किया गया। बाद में सभी के सुझावों को सम्मिलित कर यंग एवं अरनेस्ट की तकनीकी सहायता से जिला उद्योग केंद्र ने जनपद का एक्सपोर्ट प्लान तैयार किया। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि वर्तमान में जनपद के विभिन्न प्रकार के मशीनरी उत्पाद जैसे शुगर मिल मशीनरी पाट्र्स, ऑटो कंपोनेंट, फेब्रिकेशन उत्पाद, होम फर्निशिंग, टेक्सटाइल, कृषि यंत्र आदि का निर्यात यूएसए, कनाडा, रूस, जापान, ब्रिटेन, यूएई, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया अन्य देशों में निर्यात किया जाता है। अभी तक निर्यात संबंधी कार्य डायरेक्टर जनरल आफ फॉरेन ट्रेड विभाग केंद्र सरकार द्वारा देखा जाता था किंतु अब जनपद स्तर पर यह कार्य किया जाएगा। डीजीएफटी विभाग नोडल एजेंसी होगी। औद्योगिक उत्पादों के अतिरिक्त कृषि उत्पाद ,विभिन्न प्रकार के सेवा क्षेत्र में किए गए निर्यात की भी गणना की जाएगी। गाजियाबाद जैसे जनपद में अधिकांश निर्यातक अपने उत्पाद का निर्यात अन्य प्रदेश के इंनलैंड कंटेनर डिपो से करते हैं, जिसके कारण जनपद गाजियाबाद से होने वाले वास्तविक निर्यात की जानकारी नहीं हो पाती। इसके लिए अब निर्यातक से उत्पाद के मूल की जनपद संबंधी जानकारी प्राप्त की जाएगी। जनपद में एक्सपोर्ट कमेटी गठित की गई है जिस की त्रैमासिक बैठक की जाएगी। बैठक में निर्यातको की समस्याओं का नियमित समाधान किया जाएगा। बैठक में कस्टम विभाग,पोस्ट ऑफिस, डीजीएफटी तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी प्रतिभाग करेंगे। स्टेट जीएसटी की निर्यातक इकाई को वापसी की नियमित समीक्षा स्टेट जीएसटी विभाग से की जाएगी। इसके साथ ही जनपद में निर्यात विकास केंद्र की स्थापना की जाएगी जिसमें उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के एक्सपर्ट निर्यातको व भावी निर्यातको को निर्यात से जुड़े प्रमाणीकरण, लाइसेंस,अद्यतन बाजार, मांग, डिजाइन आदि की जानकारी उपलब्ध कराएंगे। यदि आवश्यक हुआ तो निर्यातकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि जनपद को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस प्रमाण पत्र दिलाने का भी प्रयास किया जाएगा जिससे कि जनपद के निर्यातको को बेहतर अवस्थापना सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। जनपद के प्रमुख उत्पाद इंजीनियरिंग उत्पाद को प्रदेश सरकार की एक जनपद एक उत्पाद योजना से जोड़ते हुए अधिक से अधिक निर्यात कराने के प्रयास किए जाएंगे।