गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन अधिकारी बेलगाम

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अभियंता एवं प्रवर्तन प्रभारियों द्वारा अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई है। प्रवर्तन अनुभाग के अधिकारियों/कर्मियों की डयूटी निर्धारित की गई है कि वह क्षेत्र का नियमित भ्रमण करते रहे लेकिन फिर भी निवासियों को क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण/अतिक्रमण की सूचना गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को देनी पड़ती है । साफ है अधिकारी व कर्मी अपनी जिम्मेदारी गंभीरता व कर्तव्यनिष्ठा से नहीं निभा पा रहे हैं । प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मियों की इसी मनमानी/हठधर्मी के चलते माननीय मुख्यमंत्री महोदय उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वह एक-एक कर प्रदेश के समस्त प्राधिकरण की समीक्षा करेंगे । इसके बावजूद भी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारी व कर्मचारी चेत नहीं रहे हैं। जिले में अवैध निर्माण व अतिक्रमण की जैसे बाढ़ सी ही आ गई है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने प्रवर्तन अनुभाग को जिले में आठ जोनों में बांटा हुआ है। समस्त जोनों में अवैध निर्माणों की खतरनाक स्थिति है।
ऐसा ही एक उदाहरण मसूरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आकाश नगर कॉलोनी में अवैध मोबाइल टावर लगाने के विरोध में स्थानीय लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। लोगों का आरोप है कि एक तरफ जीडीए बिना सिफारसी लोगों के अवैध मकानों को गिराने का प्रयास करता है वहीं दूसरी तरफ लोग अपने घरों की छत पर मोबाइल टावर लगवा कर पड़ोसियों के लिए खतरा बढ़ा रहे हैं जो कि पूर्ण रूप से अवैध है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा है कि यहां का निवासी इंद्रजीत उर्फ पप्पू अपने मकान की छत पर टावर लगा रहा है। इससे पूर्व में भी उसकी छत पर टावर लगा हुआ है। आसपास में गर्भवती महिलाएं,बच्चे व बुजुर्ग परिवार समेत रहते हैं। इनके ऊपर उक्त अवैध मोबाइल टावर के रेडिएशन का बुरा प्रभाव पड़ेगा। न्यायालय द्वारा दिल्ली में भी मोबाइल टावरों के लिए पहले ही दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। यहां पर लोग बिना अनुमति और दिशा निर्देशों को ताक पर रखकर अपनी कमाई के लिए यह टावर लगवाकर लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं।
प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि इससे ज्यादा शर्म की बात गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के लिए क्या होगी कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन जिलाधिकारी के समक्ष करना पड़ रहा है जबकि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र का यह मामला है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि जिला स्तर पर भी उनकी गुहार पर ध्यान नहीं दिया गया तो माननीय मुख्यमंत्री महोदय की समीक्षा बैठक हेतु आगमन के दौरान उक्त मुद्दा व विकास प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मचारियों की कर्तव्यहीनता, उदासीनता व जिले के इन्फ्राट्रक्चर को ध्वस्त करने का जिम्मेदार ठहराने का मामला जोर-शोर से उठाया जाएगा।