जबरन बेरोजगार हुए एमडीए कर्मियों का ठंड में प्रदर्शन जारी

दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में विगत 25-30 वर्षों से लगातार कार्यरत 110 दैनिक वेतन/वर्क चार्ज कर्मचारियों को मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षा द्वारा रोजगार विहीन किए लगभग एक सप्ताह हो गया है तब से लगातार जबरन बेरोजगार किए गए कर्मी धरना प्रदर्शन कर पुन: सेवा में रखे जाने के लिए संघर्षरत हैं लेकिन शासन/ प्रशासन अपनी हठधर्मिता से टस से मस नहीं हैं बल्कि प्रदर्शनरत कर्मियों को तरह-तरह से प्रताडि़त कर हतोत्साहित किया जा रहा है जिससे कि वह अपने हक के लिए आवाज न उठा सकें। धरना प्रदर्शनरत बेरोजगार किए गए कर्मियों को स्थानीय कर्मचारी संगठनों व प्रदेश संगठनों का निरंतर पुरजोर समर्थन मिलता जा रहा है। विकास प्राधिकरणों के प्रांतीय संगठन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि यदि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारी अपना गलत निर्णय वापस नहीं लेते हैं तो प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा। उम्र के जिम्मेदारी वाले पड़ाव में आकर बेरोजगार किए गए कर्मियों की समस्या व कड़ाके की ठंड में खुले में धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी साथियों की त्रासदी से आहत होकर उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष एमपी शर्मा ने मुख्यमंत्री को संचार माध्यम से व पत्र प्रेषित कर बेरोजगार किए गए कर्मियों को पुन: सेवा में लिए जाने का अनुरोध कर व यथा स्थिति से अवगत कराते हुए लिखा कि आपके द्वारा बेरोजगारी दूर करने एवं प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए तरह तरह की योजनाएं बनाई गई हैं और बनाई जा रही है,वही दूसरी तरफ सरकार की नीतियों को धता बता कर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्षा द्वारा लगभग विगत 25 वर्षों से दैनिक वेतन भोगी एवं वर्कचार्ज सेवाओं में कार्यरत 110 कर्मचारियों को अमानवीय रूप से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। उन्हें जबरन नौकरी से निकाल दिया गया है। एक तरफ आपकी गरीब जनता के प्रति उदारवादी नीतियां व सोच हैं और दूसरी तरफ जिला स्तरीय संवेदनशून्य अधिकारी हैं जो न सिर्फ सरकार की नीतियों के विपरीत योजनाबद्ध व षडयंत्र पूर्वक कार्य कर सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं यानी कि सरकार को बदनाम करने का भी कार्य कर रहे हैं जिससे भाजपा शासित सरकार के प्रति आम नागरिक में रोष बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री महोदय को संबोधित करते हुए लिखा कि यहां आपके संज्ञान में यह भी लाना है कि आप द्वारा जन कल्याणकारी उदार नीति के तहत 31 दिसम्बर 2001 तक दैनिक वेतन भोगी एवं वर्कचार्ज सेवाओं में रखे गए कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय लेते हुए दिनांक 24 फरबरी 2016 को शासन आदेश जारी किया गया है। वही ठीक उक्त शासनादेश के विपरीत जा कर ऐसे कर्मचारियों को निकाल दिया गया है जो इस शासन आदेश से नियमितीकरण के पात्र हैं। इस प्रकार मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्षा द्वारा सरकार की नीतियों के विपरीत 110 परिवारों को न सिर्फ बेरोजगारी की अग्नि में धकेला जा रहा है अपितु 110 परिवारों को भुखमरी के कगार पर ला कर खड़ा कर दिया गया है। असंगठित आवाज संस्था के संस्थापक,वरिष्ठ नागरिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता एमपी शर्मा ने मुख्यमंत्री महोदय से अनुरोध किया कि सरकार की नीतियों के विपरीत मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्षा द्वारा लिए गए निर्णय को निरस्त कराने एवं 110 परिवारों को भुखमरी से बचा कर मानवीय उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए।