जीडीए में भ्रष्टाचार का एग्रीमेंट पेपर हुआ लीक: प्रति लेंटर रेट होता है फिक्स

गाजियाबाद। क्या यह संभव है कि अवैध निर्माणों पर रोक लगाने वाला प्रवर्तन विभाग उन्हें रोकने के बजाय ऐसे निर्माणों को बढ़ावा दे ? परंतु यही वास्तविकता है। इन दिनों सोशल मीडिया में जीडीए के भ्रष्टाचार से जुड़ा एक मामला खूब वायरल हो रहा है। दरअसल इस वायरल वीडियो में एक एग्रीमेंट पेपर दिखाया गया है जिससे जीडीए के प्रवर्तन विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है। यह आरोप है कि प्रत्येक जोन में अवैध निर्माण एवज में प्रवर्तन विभाग को मोटी रकम मिलती है जिसके कारण अक्सर शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है । हाल में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा वीडियो साहिबाबाद जॉन 7 के विक्रम एनक्लेव का है। सोशल मीडिया पर वायरल कागजात बताते हैं कि विक्रम एनक्लेव के एक भूखंड में 5 छत डाली जानी है। जिसमें पार्किंग , अप्पर ग्राउंड फ्लोर, ग्राउंड फ्लोर , फस्र्ट फ्लोर, सेकंड फ्लोर एवं थर्ड फ्लोर बनने हैं । इस भूखंड पर निर्मित होने वाले प्रत्येक फ्लोर के लिए 1 लाख 20 हजार एवं पांच तलो के लिए छह लाख की डिमांड की गई है। यह भूखंड लगभग 355 वर्ग गज में दो भागों में बटा हुआ है। अवैध निर्माण की घटना 28 अगस्त 2020 की बताई जाती है। एक तरफ तो वायरल हुए इस लेटर में प्रत्येक फ्लोर के एवज में पैसों की मांग की गई है वहीं दूसरी तरफ जीडीए के प्रवर्तन जॉन 8 की तरफ से उस भूखंड के स्वामी एवं निर्माणकर्ता आशीष शर्मा एवं जावेद को 30 सितंबर 2020 को नोटिस जारी कर निर्माण को अवैध करार दिया गया है। माना जा रहा है कि प्रवर्तन जोॅन 8 के अधिकारियों के कारनामे का पर्दाफाश हो जाने के डर से आनन फानन भूस्वामी को नोटिस जारी किया गया था। जबकि सोशल मीडिया में वायरल पत्र के मुताबिक भूस्वामी एवं प्रवर्तन जोन 8 के अधिकारियों के बीच उस निर्माण के एवज में लेनदेन की कार्यवाही पहले ही हो चुकी थी ।