बोले चंपत राय: मिटा 5सौ साल का कलंक

अयोध्या। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए असंख्य लोग स्वेच्छा से सहयोग कर रहे हैं। सहयोग राशि भगवान का घर बनाने के लिए समाज का समर्पण है। निधि किसी भी तरह दान नहीं है। यह बातें श्रीराम मंदिर निर्माण समर्पण निधि अभियान के तहत बेंती कोठी में लगाए गए शिविर में पत्रकारों से बात करते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव व विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहीं। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांन्ति से माघी पूर्णिमा रविदास जयंती तक 42 दिनों का अभियान चल रहा है। सहयोग निधि किसी भी तरह से दान नहीं है। भगवान का घर बनाने के लिए सभी का श्रद्धा से समर्पण है। यह एक तरह से राष्ट्र का मंदिर है। समाज के असंख्य लोग स्वेच्छा से इस कार्य को संभाल रहे हैं। यह इतिहास का बहुत महत्वपूर्ण परिवर्तन है। 15 अगस्त 1947 को राजनैतिक सत्ता का परिवर्तन हुआ। विदेशी राज्य सत्ता भारतीयों के हाथ में आ गई। अब देश में गुलामी की निशानियां मिटाने का काम, आक्रमण के कलंक की निशानियां मिटाने का काम स्वाभिमानी समाज कर रहा है। 500 वर्ष तक लोगों ने जिसके लिए कष्ट सहा, बलिदान दिया, अब उसे अपनी आंखों से देखने का अवसर हमको मिला है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसने कितना दिया यह हम नहीं देखते, लक्ष्मी का निवास तो भगवान के चरणों में तो संकट कहां है। हर व्यक्ति अपनी सामथ्र्य से बढक़र सहयोग कर रहा है। श्रीराम मंदिर में मुस्लिम समाज के सहयोग के सवाल पर चंपत राय ने कहा कि आपकी कल्पना से कहीं अधिक मिल रहा है।