नई दिल्ली। केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में एकलव्य विद्यालय खोले जाने के प्रस्ताव के क्रम में अगले वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश में चार एकलव्य विद्यालय और खोले जाएंगे। इस बारे में प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जा चुका है। यह विद्यालय लखनऊ, बिजनौर, दुध्धी सोनभद्र और श्रावस्ती में खोले जाएंगे। सोनभद्र जैसे पहाड़ी इलाके में इसकी निर्माण लागत 48 करोड़ और मैदानी इलाकों में 38 करोड़ रूपये आती है।
उ.प्र.सरकार केa अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग के उप निदेशक आर.पी.सिंह ने बताया कि अभी प्रदेश के बहराइच और लखीमपुर खीरी में एकलव्य विद्यालय चल रहे हैं। एक सोनभद्र में खुलने वाला है और एक ललितपुर में निर्माणाधीन है। उन्होंने बताया कि यह एकलव्य विद्यालय नि:शुल्क आवासीय विद्यालय होते हैं जिनमें नब्बे प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित रहती हैं। यह सहशिक्षा वाले विद्यालय होते हैं। यह आश्रम पद्धति की तर्ज पर संचालित होने वाले विद्यालय होते हैं मगर इनके निर्माण व संचालन के मानक आश्रम पद्वति विद्यालयों से ज्यादा बेहतर होते हैं।