सेना पर मोदी सरकार की विशेष कृपा: भरी झोली

नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान जैसे खुराफाती पड़ोसियों की वजह से भारत को हर साल रक्षा बजट पर एक भारी-भरकम रकम खर्च करनी पड़ती है। पिछले कई महीनों से चीन से चल रहे टकराव के बीच एक बार फिर रक्षा बजट में इजाफा किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया, जिसमें रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख रुपए का आवंटन किया गया है।
इसमें से करीब 20,776 करोड़ रक्षा आधुनिकीकरण के मद में बढ़ाए गए हैं। संभवत पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ कायम गतिरोध के चलते आधुनिकीकरण के बजट में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन इस बार रक्षा बजट में भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन के लिए आवंटित राशि में कमी हुई है। यह माना जा रहा है कि पेंशन लेने वालों की संख्या में कमी होने की वजह से पेंशन की राशि में कमी हुई हो सकती है। हालांकि रक्षा मंत्रालय की तरफ से अभी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं बताया गया है। रक्षा बजट के लिए कुल 4.78 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसमें से करीब 1.16 लाख करोड़ रुपए भूतपूर्व सैनिकों के पेंशन के लिए है। जबकि बाकी 3.62 लाख करोड़ रुपये की राशि तीनों सेनाओं के लिए है। जबकि पिछले साल यह बजट करीब 3.37 लाख करोड़ था। यानी इस साल कुल बढ़ोतरी 25 हजार करोड़ रुपये की हुई है, जो करीब साढ़े 7 फीसदी की है।