पतंजलि पर चला कोड़ा: 1 करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बाबा रामदेव की पतंजलि पेय प्राइवेट लिमिटेड पर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2018 का पालन नहीं करने के लिए एक करोड़ का जुर्माना लगाया है। पतंजलि पेय प्राइवेट लिमिटेड को सीपसीबी के अध्यक्ष शिव दास मीना की तरफ से 3 फरवरी की तारीख का पत्र मिला है। पत्र में लिखा है कि कंपनी ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के नियम 9 “विस्तारित निर्माता दायित्व के सिद्धांत के संदर्भ का उल्लंघन किया है। नियम 2016 के नियम 9 (1) के तहत निर्माता इन नियमों के प्रकाशन की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर, विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी के आधार पर वेस्ट कलेक्शन सिस्टम के तौर-तरीकों पर काम करेंगे। नियम 9 (2) के तहत मल्टीलेयर प्लास्टिक सैशे, पाउच और पैकेजिंग के कलेक्शन की जिम्मेदारी निर्माता, बाजार में प्रोडक्ट को लेकर आने वाले आयातकों और ब्रांड के मालिक की होगी। नियम के अनुसार उन्हें अपने उत्पादों के कारण उत्पन्न प्लास्टिक कचरे को वापस इक_ा करने के लिए एक प्रणाली बनानी होगी। सीपीसीबी ने अपने पत्र में कहा है कि प्रदूषण नियंत्रण संस्था ने पतंजलि पेय प्राइवेट लिमिटेड को फरवरी और अगस्त 2020 में “पीडब्लूएम रूल्स 2018 के प्रावधान के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन जमा करने के लिए सात दिनों का समय दिया था।” हालांकि, अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। सीपीसीबी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सूचित किया कि कंपनी ने पीडब्लूएम रूल्स 2018 के तहत ब्रांड-मालिक / निर्माता के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन जमा करने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इसके बाद एनजीटी ने सितंबर 2020 में सीपीसीबी को गैर-अनुपालन इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारीवाला ने कहा कि हम इस मामले पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि हम अभी भी इस मामले में विस्तार से जान रहे हैं। सीपीसीबी ने कंपनी को जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।