नई दिल्ली। किसान आंदोलन की वजह से सरकार को टोल कलेक्शन में काफी नुकसान हो रहा है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से हर दिन करीब 1.8 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों की वजह से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में कई जगह दिसंबर से टोल कलेक्शन नहीं हो रहा है। लोकसभा में बीजेपी सांसद पी. सी. गड्डीगोदार ने सरकार से पूछा था कि क्या किसानों के आंदोलन की वजह से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को बड़ी रकम का नुकसान हुआ है? लिखित जवाब में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ”किसानों के आंदोलन की वह से कई टोल प्लाजा का संचालन नहीं हो रहा है। इसलिए हृ॥्रढ्ढ सडक़ का प्रयोग करने वालों से शुल्क नहीं ले पा रहा है। पब्लिक फंडेड टोल प्लाजा के मामले में हर दिन करीब 1.8 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।”क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ढ्ढष्टक्र्र के मुताबिक, किसानों के आंदोलन की वजह से पंजाब, हरियाणा, और दिल्ली-एनसीआर में टोल प्लाजा कलेक्शन के मामले में करीब 600 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और 9300 करोड़ रुपए का कर्ज जोखिम में आ गया है। ढ्ढष्टक्र्र ने पिछले महीने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पंजाबा, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में 52 टोल प्लाजा बंद हैं, जिनमें सरकारी वित्तपोषित और बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर वाले टोल प्लाजा शामिल हैं।