हाथरस दुष्कर्म कांड : दंगे और आतंक फैलाना चाहती थी पीएफआइ

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसकी छात्र इकाई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पहला आरोप पत्र दखिल किया है। ईडी ने इसमें दावा किया है कि संगठन के सदस्य पिछले साल हाथरस में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद सांप्रदायिक दंगे और आतंक फैलाना चाहते थे। केंद्रीय एजेंसी 2018 से ही पीएफआई की जांच कर रही है। पीएफआई का 2006 में केरल में गठन किया गया था और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। ईडी ने हाल में इस इस्लामिक संगठन की जांच संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के कथित वित्त पोषण और पिछले साल दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों में भूमिका को लेकर शुरू की है। अभियोजक शिकायत या आरोप पत्र बुधवार को लखनऊ की पीएमएलए अदालत में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल किया गया। आरोप पत्र में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें पीएफआई सदस्य और इसकी छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के राष्ट्रीय महासचिव के ए रउफ शरीफ, सीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतीकुर रहमान, दिल्ली सीएफआई के महासचिव मसूद अहमद, पत्रकार और कथित रूप से पीएफआई से जुड़े सिद्दिकी कप्पन और सीएफआई और पीएफआई सदस्य मोहम्मद आलम शामिल हैं।